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काले कारनामों को छुपाने के लिए कैप्टन सरकार ने आरटीआई कानून का घोंटा गला: कुलतार सिंह संधवा

संधवा ने कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) लोगों के लिए बड़ा बड़ा हथियार हैं, जिसकी मदद से लोग नेताओं तथा सरकारी अधिकारियों के काले कारनामों की जानकारी हासिल उनकी पोल खोल रहे हैं.

Updated on: 11 Aug 2021, 10:02 PM

highlights

  • संधवा ने कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) लोगों के लिए बड़ा बड़ा हथियार हैं
  • दिनेश चड्ढा ने कहा निजी जानकारी की आड़ में जन हितैषी कानून का गला नहीं घोट सकती सत्ताधारी सरकार
  • संधवा ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाया

चंडीगढ़:

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के दायरे को कम करने के लिए किए गए संशोधनों को जनहितैषी कानून की हत्या और लोगों के अधिकारों की लूट करार दिया है. इन संशोधनों का कड़ा विरोध करते हुए आप विधायक और किसान विंग पंजाब के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर निशाना साधा और मनमोहन सिंह से स्पष्टीकरण मांगते हुए नवजोत सिंह सिद्धू से पूछा कि क्या लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करना ही कांग्रेस का पंजाब मॉडल है?"

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कुलतार सिंह संधवा बुधवार को पार्टी के युवा नेता व आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट दिनेश चड्ढा और नील गर्ग के साथ इस मुद्दे को लेकर मीडिया से मुखातिब हुए. संधवा ने कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) लोगों के लिए बड़ा बड़ा हथियार हैं, जिसकी मदद से लोग नेताओं तथा सरकारी अधिकारियों के काले कारनामों की जानकारी हासिल उनकी पोल खोल रहे हैं. जनता के इसी हथियार की धार से डरकर कांग्रेस सरकार ने सूचना प्राप्त करने के इस कानून में संशोधन कर पंजाब की जनता को लाचार बना दिया है. संधवा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार अपने भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारियों के कुकर्मों को छिपाने के लिए ऐसे जनविरोधी फैसलों को लागू कर रही है, क्योंकि आरटीआई अधिनियम में नए संशोधन भविष्य में किसी भी व्यक्ति व अधिकारी के रिकॉर्ड , योग्यता, मेडिकल रिकार्ड, इलाज, दवाइयां, अस्पतालों की सूची सहित उनके परिवारों के सदस्यों की निजी जानकारी से संबंधित सूचना नहीं दी जाएगी. साथ ही नौकरियों की गुप्त रिपोर्ट तथा उन से संबंधित परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की जानकारी देने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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संधवा ने आगे कहा कि पिछले साढ़े चार साल में एक भी भर्ती नहीं करने वाली कांग्रेस सरकार ने आगामी चुनाव को देखते हुए विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस से साफ होता है कि प्रदेश में पटवारियों, पुलिस और शिक्षकों की भर्ती सहित अन्य नौकरियों में घोटाले करने की मंशा से सरकार ने आरटीआई एक्ट में संशोधन करने का घातक फैसला लिया है. युवा नेता व एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार व्यक्तिगत जानकारी के नाम पर पंजाबियों से अपने किए कामों की सच्चाई छुपाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की सच्चाई को छुपाने की अजीबोगरीब कोशिश से पर्दा उठाने के लिए तथा आरटीआई अधिनियम की सुरक्षा के लिए मीडिया कर्मियों को भी आगे आना चाहिए. आप नेताओं ने मांग की कि सत्ताधारी कांग्रेस आरटीआई अधिनियम में जन विरोधी संशोधनों को तुरंत वापस लें. अगर सरकार ने इन संशोधनों को वापस न लिया तो आम आदमी पार्टी राज्यव्यापी संघर्ष शुरू करेगी.