'द लेडी सुपरस्टार' विजयशांति : जब एक एक्ट्रेस बनी लाखों दिलों की 'लेडी अमिताभ'
चुनाव आयोग के सत्यापन अभियान से मतदाताओं को जागरूक करने में मिलेगी मदद : शांभवी चौधरी
रानी दुर्गावती : जिसने अकबर की सेना के सामने कभी घुटने नहीं टेके, मातृभूमि की रक्षा में प्राण न्योछावर करने वाली वीरांगना की कहानी
वाराणसी में स्किल इंडिया केंद्र से रोजगारपरक कौशल सीखेंगे युवा : केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी
'द ट्रेटर्स' पहला ऐसा शो, जहां एलिमिनेट होना भी गर्व की बात : रफ्तार
रिसाइकल प्लास्टिक से हॉर्मोन सिस्टम और मेटाबॉलिज्म को नुकसान: अध्ययन
सोहा अली खान का 'वीकेंड मोटिवेशन', इस गाने के साथ करती हैं हफ्ते की शुरुआत!
दुबई शिफ्ट होने के बाद 1200 करोड़ के मालिक बन गए विवेक ऑवरॉय, इन बिजनेस से छापते हैं मोटा पैसा
‘अब खुलकर अपनी बात कहूंगा’, सपा से निकाले जाने के बाद बोले विधायक राकेश प्रताप सिंह

कोर्ट ने नहीं, सत्ताधारी सांसदों ने बनाए हैं कृषि कानून: नवजोत सिंह सिद्धू

सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, ''लोकतंत्र में, कानून लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा बनाए जाते हैं, माननीय अदालतों या समितियों द्वारा नहीं... किसी भी मध्यस्थता, बहस या चर्चा किसानों और संसद के बीच होनी चाहिए.''

सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, ''लोकतंत्र में, कानून लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा बनाए जाते हैं, माननीय अदालतों या समितियों द्वारा नहीं... किसी भी मध्यस्थता, बहस या चर्चा किसानों और संसद के बीच होनी चाहिए.''

author-image
Sunil Chaurasia
New Update
siddhu

नवजोत सिंह सिद्धू( Photo Credit : न्यूज नेशन)

तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का पक्ष लेते हुए कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र में कानून निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा बनाए जाते हैं, न कि अदालतों द्वारा. सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, लोकतंत्र में, कानून लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा बनाए जाते हैं, माननीय अदालतों या समितियों द्वारा नहीं... किसी भी मध्यस्थता, बहस या चर्चा किसानों और संसद के बीच होनी चाहिए.

Advertisment

ये भी पढ़ें- त्रिपुरा, मणिपुर और सिक्किम पहुंचे कोविड-19 वैक्सीन

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "न्याय? -आप अगली दुनिया में न्याय पाएंगे, इस दुनिया में आपको सिर्फ कानून मिलेंगे! कानून ज्यादा, न्याय कम." सिद्धू के इस बयान के एक दिन बाद किसान यूनियनों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों को अंतरिम उपाय के रूप में फिलहाल लागू करने पर रोक लगा दी है, जो एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन समाधान नहीं है.

ये भी पढ़ें- देश की पहली एयर टैक्सी ने भरी उड़ान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में किया उद्घाटन

पिछले साल सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान यूनियनों के छाता संगठन की ओर से यह बयान जारी किया गया. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी और कृषि कानूनों के बारे में किसान संघों की शिकायतों को सुनने के लिए एक समिति भी बनाई है.

Source : IANS

navjot-singh-sidhu farmers-protest-2020 farmers-protest Farm Laws 2020 farm-laws
      
Advertisment