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सिद्धू के साथ स्वर्ण मंदिर पहुंचे विधायकों की संख्या में संशय, बस इतनों का मिला रिकॉर्ड

राज्य पार्टी प्रमुख के रूप में उनके नाम की घोषणा के बाद एकजुटता दिखाते हुए पंजाब कांग्रेस इकाई प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने कथित 62 विधायकों के साथ बुधवार को यहां स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका

Updated on: 21 Jul 2021, 11:56 PM

नई दिल्ली:

राज्य पार्टी प्रमुख के रूप में उनके नाम की घोषणा के बाद एकजुटता दिखाते हुए पंजाब कांग्रेस इकाई प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने कथित 62 विधायकों के साथ बुधवार को यहां स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ खींचतान के बीच राज्य प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने वाले सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस के अन्य नेताओं के बीच अपनी पैठ और एकजुटता दिखाते हुए 62 विधायकों के साथ स्वर्ण मंदिर का दौरा किया, जिनमें कई राज्य कैबिनेट मंत्री भी शामिल रहे. वहीं, सिद्धू के द्वारा अमृतसर में स्वर्ण मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों पर जाने के दौरान बस में साथ ले जाए गए विधायकों की संख्या को लेकर जो जानकारी उन्होंने मीडिया टीम को दी वो जानकारी पंजाब इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में सही साबित नहीं हो रही है. 

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पंजाब इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू के साथ सिर्फ 44 विधायक ही मौजूद थे. इसके अलावा जो अन्य करीब 20 से 22 नेता भी मौजूद थे उनमें से ज्यादातर पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और कांग्रेस पार्टी के अलग-अलग पदाधिकारी थे. बॉय नेम 44 विधायक का आंकड़ा ही पंजाब इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में सामने आया है. इससे पहले दिन में कांग्रेस के विधायक यहां सिद्धू के आवास पर एकत्र हुए और वह दो चार्टर्ड लग्जरी बसों में स्वर्ण मंदिर परिसर पहुंचे. स्वर्ण मंदिर पहुंचने पर पार्टी पदाधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. उपस्थित विधायकों में राजा वारिंग, राज कुमार वेरका, इंदरबीर बोलारिया, बरिंदर ढिल्लों, मदन लाल जलापुरी, हरमिंदर गिल, हरजोत कमल, हरमिंदर जस्सी, जोगिंदर पाल और परगट सिंह शामिल रहे. कैबिनेट मंत्रियों में सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत चन्नी और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा शामिल रहे. पार्टी आलाकमान ने चार विधायकों संगत सिंह गिलजियान, सुखविंदर सिंह डैनी, कुलजीत सिंह नागरा और पवन गोयल को भी पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. वह भी उनकी इस यात्रा के दौरान पार्टी प्रमुख के साथ दिखे.

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मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को अपना रुख सख्त करते हुए स्पष्ट किया कि वह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे, जब तक कि वह सार्वजनिक रूप से उनसे माफी नहीं मांग लेते. मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने एक ट्वीट में कहा, नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा कैप्टन अमरिंदर से मिलने के लिए समय मांगने की खबरें पूरी तरह झूठी हैं. उन्होंने कहा, कोई समय नहीं मांगा गया है. रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे, जब तक कि वह उनके खिलाफ व्यक्तिगत रूप से अपमानजनक सोशल मीडिया हमलों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते. साथ ही कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिंद्रा ने नए राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में सिद्धू की नियुक्ति का स्वागत किया, लेकिन मुख्यमंत्री के साथ अपने मुद्दों को हल करने तक उनके साथ व्यक्तिगत बैठक से इनकार किया.