Jalandhar: पंजाब के जालंधर सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा को विजिलेंस विभाग ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. शनिवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.
विजिलेंस की छापेमारी
विजिलेंस टीम ने शुक्रवार सुबह रमन अरोड़ा के अशोक नगर स्थित निवास पर अचानक छापा मारा. उस समय विधायक किसी काम से बाहर जाने की तैयारी में थे, लेकिन विजिलेंस टीम ने उन्हें गली के मोड़ पर ही रोक लिया और उनके साथ घर जाकर तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान टीम ने डेढ़ किलो सोना, लगभग 6 लाख रुपये नकद और करोड़ों की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जब्त किए. घर से इतनी बड़ी मात्रा में नकदी मिलने पर विजिलेंस ने नोट गिनने की मशीन तक मंगवाई.
सुखदेव वशिष्ठ की गिरफ्तारी से खुला मामला
इस केस की शुरुआत असिस्टेंट टाउन प्लानर सुखदेव वशिष्ठ की गिरफ्तारी से हुई थी. पूछताछ के दौरान सुखदेव ने रमन अरोड़ा का नाम लेते हुए बताया कि शहर में अवैध वसूली की योजना दोनों ने मिलकर बनाई थी. आरोप है कि रमन अरोड़ा ने जालंधर नगर निगम के माध्यम से लोगों को फर्जी नोटिस भिजवाए और बाद में लाखों रुपये की रिश्वत लेकर उन्हें रफा-दफा कर दिया.
सरकार ने वापस ली सुरक्षा
बताया जा रहा है कि सरकार ने पहले से ही रमन अरोड़ा के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रखी थी. कुछ दिन पहले ही उनकी सुरक्षा में लगे 14 गनर वापस ले लिए गए थे. यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत उठाया गया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट किया है कि पार्टी में कोई भी नेता यदि भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो.
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