पंजाब कांग्रेस में फूट, जानें इस नेता ने अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ को क्यों हटाने के लिए कहा

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ कांग्रेस के दो राज्यसभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा तथा शमशेर सिंह ढुलो के मोर्चा खोलने के बाद उठे विवाद के बीच बाजवा ने कहा कि अगर राज्य में पार्टी को बचाना है तो अमरिंदर को हटाना होगा.

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Deepak Pandey
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प्रताप सिंह बाजवा और राहुल गांधी ( Photo Credit : फाइल फोटो)

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के खिलाफ कांग्रेस के दो राज्यसभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा तथा शमशेर सिंह ढुलो के मोर्चा खोलने के बाद उठे विवाद के बीच बाजवा ने शुक्रवार को कहा कि अगर राज्य में पार्टी को बचाना है तो अमरिंदर और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ को उनके पदों से हटाना होगा. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में यह भी कहा कि अगर पार्टी आलाकमान ऐसा निर्णय नहीं लेता है तो कांग्रेस का पंजाब में वही हाल होगा जो सिद्धार्थ शंकर राय (पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री) के बाद पश्चिम बंगाल में हुआ.

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दूसरी तरफ पार्टी की प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी ने शुक्रवार को कहा कि इन दोनों सांसदों के मामले में कोई भी निर्णय एके एंटनी की अध्यक्षता वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति करेगी. गौरतलब है कि पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने हालिया जहरीली शराब मामले में राज्य सरकार की आलोचना को लेकर बृहस्पतिवार को बाजवा तथा डुल्लो को तत्काल कांग्रेस से निष्कासित करने की मांग की.

राज्यसभा के दोनों सदस्यों ने हालिया जहरीली शराब मामले को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना की थी. उस हादसे में 113 लोगों की मौत हो गई थी. पार्टी की ओर से कार्रवाई की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बाजवा ने कहा कि 113 लोगों की जान चली गई. हमने लोगों की आवाज उठाई है. हम कांग्रेस और पंजाब की भलाई के लिए ऐसा कर रहे हैं. इस सरकार की बहुत बदनामी हो रही है.

उन्होंने कहा कि हम नशे को खत्म करने के वादे के साथ सत्ता में आए थे, लेकिन अब तक क्या कार्रवाई की गई? इस बारे में हमने आलाकमान को भी अवगत कराया, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. बाजवा ने कहा कि अगर पार्टी मुझे और ढुलो को बाहर करती है तो यह शरीर से दिल निकालने की तरह होगा. उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस को बचाने के लिए अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ को हटाया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो अमरिंदर सिंह कांग्रेस का वो हाल करेंगे जो सिद्धार्थ शंकर राय ने पश्चिम बंगाल में किया था. बंगाल में कांग्रेस कई दशकों से सत्ता से बाहर है.

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यह पूछे जाने पर कार्रवाई की स्थिति में उनका अगला कदम क्या होगा तो बाजवा ने कहा कि जब ऐसा होगा तो उस वक्त कोई बात करूंगा. मैं हमेशा से कांग्रेसी हूं. मेरे परिवार का बलिदान का इतिहास है. राहुल गांधी मेरे नेता हैं. मैं आज भी राहुल गांधी का करीबी हूं. इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि दोनों (बाजवा और ढुलो) ही सांसद हैं. कांग्रेस में एक संवैधानिक व्यवस्था है. इनके संदर्भ में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से रिपोर्ट भेजी जाएगी. इसके बाद एके एंटनी की अगुवाई वाली समिति कोई निर्णय करेगी. फिलहाल उन्होंने इस विवाद पर ज्यादा टिप्पणी नहीं की.

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गौरतलब है कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख सुनील जाखड़ ने पिछले दिनों कहा था कि वह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखेंगे कि बाजवा और ढुलो के खिलाफ 'अनुशासनहीनता' को लेकर सख्त कार्रवाई की जाए.

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