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मजीठिया और नवजोत को हराने का जनता के पास सुनहरा मौका : हरपाल चीमा

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर लीडर और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने गुरु नगरी श्री अमृतसर के वोटरों से अपील की. उन्होने कहा कि उनके पास नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया को हराकर सबक सीखने का सुनहरा मौका है, क्यूंकि इन दोनों नेताओं न

Updated on: 27 Jan 2022, 08:14 PM

नई दिल्ली :

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर लीडर और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने गुरु नगरी श्री अमृतसर के वोटरों से अपील की. उन्होने कहा कि उनके पास नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया को हराकर सबक सीखने का सुनहरा मौका है, क्यूंकि इन दोनों नेताओं ने सत्ता में रहकर पंजाब के लोगों के साथ धोखे ही धोखे किये है. अमृतसर के विधान सभा हल्के अमृतसर (पूर्व) सीट से नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस से और बिक्रम सिंह मजीठिया अकाली दल बादल से चुनाव लड़ रहे है, जबकि आम आदमी पार्टी ने प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता बीबी जीवनजोत कौर को मैदान में उतारा है. चीमा ने आगे कहा कि लोकतंत्र में लोगों के पास 'वोट से चोट' करने का मौका होता है। इसलिए पूरे पंजाब सहित श्री अमृतसर (पूर्व) के लोग श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और ड्रग माफिया को पैदा करने वाले शिरोमणि अकाली दल बादल और श्री गुटका साहिब की झूठी शपथ लेकर गुरबानी की दुबारा बेअदबी करने वाली कांग्रेस पार्टी के खिलाफ वोटें डालकर सभी लारेबाज नेतागण को सख्त संदेश देंगे.

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गुरुवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा, 'कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने न तो अपने निर्वाचन क्षेत्र का विकास किया है और न ही लोगों की सांझी समस्याओं का हल किया." उन्होंने बताया कि इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ओर से लगभग 15 साल श्री अमृतसर से लोक सभा मेंबर बनते रहे और उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू शिअद-भाजपा सरकार के दौरान विधायक और संसदीय सचिव थी.

चीमा ने आरोप लगाया कि हमेशा से सत्ता में रहे सिद्धू परिवार ने कभी भी अमृतसर के लोगों की भावनाओं की कद्र नहीं की बल्कि हमेशा अपने हितों को ही पहल दी. एक ही परिवार से सांसद और राज्य सरकार में संसदीय सचिव होने के बावजूद सिद्धू परिवार अमृतसर में एक भी बड़ा प्रोजेक्ट नहीं लगा पाया. इतना ही नहीं सिद्धू परिवार ने दशहरे के मौके ट्रेन हादसे में जान गंवाने वाले परिवारों की भी कोई ख़बरसार नहीं ली. उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर पूर्वी के मतदाताओं से वोट मांगने का अधिकार खो चुके है,जिस कारण मतदाताओं ने उन्हें वोट नहीं देने का फैसला कर लिया है.