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'फतेह किट घोटाले' पर मीडिया से भागे स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू बोले- कोर्ट में देंगे जवाब

पंजाब सरकार (Punjab Government) पर केंद्र से मिली वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों को ऊंचे दामों पर बेचने के आरोप लगे तो अब 'फतेह किट' में घोटाले (Fateh Kits Scam) का खुलासा हुआ है. यह घोटाला एक आरटीआई में मांगी गई जानकारी के बाद सामने आया है.

Updated on: 07 Jun 2021, 04:33 PM

highlights

  • कोरोनाकाल में पंजाब में एक और घोटाले का खुलासा
  • एक RTI से सामने आया 'फतेह किट' खरीद में घोटाला
  • हाईकोर्ट में पहुंचा 'फतेह किट घोटाला'

नई दिल्ली:

कोरोना महामारी (Coronavirus) के खिलाफ पूरा देश जंग लड़ने में लगा है, वहीं संकट के इस दौर में पंजाब (Punjab) में एक के बाद एक घोटाले उजागर हो रहे हैं. हाल ही में पंजाब सरकार (Punjab Government) पर केंद्र से मिली वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों को ऊंचे दामों पर बेचने के आरोप लगे तो अब 'फतेह किट' में घोटाले (Fateh Kits Scam) का खुलासा हुआ है. यह घोटाला एक आरटीआई में मांगी गई जानकारी के बाद सामने आया है. फतेह किट की खरीद को लेकर पंजाब सरकार (Capt. Amarinder Government) सवालों की घेरे में आ गई है. ये मामला अब हाईकोर्ट में जा चुका है. वहीं इस मामले में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू (Balbir Singh Sidhu) की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. 

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मीडिया के सवालों से भागे स्वास्थ्य मंत्री

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने आज मीडिया के सवालों से बचते हुए कहा कि 'केस हाईकोर्ट में है, कोर्ट में जवाब देंगे.' वहीं याचिकाकर्ता के वकील विशाल अग्रवाल ने बताया कि फतेह किट का टेंडर अप्रैल 2021 को आया, सबसे पहले टेंडर में संगम मेडिकल स्टोर ने 838 रुपये की बोली लगाकर टेंडर लिया. सरकार ने 3 अप्रैल 2021 को वही 16,668 फतेह किट 100 रुपये प्रति किट ज्यादा 940 रुपए में खरीदी. उसके 15 दिन बाद एक दूसरा नया टेंडर जारी किया गया. जिसमें इसी किट की कीमत 1226 रुपये लगाई गई. 

हर टेंडर में बदल गई रकम

याचिकाकर्ता के वकील विशाल अग्रवाल ने कहा कि अब यह बहुत स्पष्ट है कि आप इस टेंडर को रद्द कर 838 रुपये में खरीद लें, लेकिन सरकार इसे 1,226 रुपये में खरीदती है. उन्होंने कहा कि 15 दिनों के बाद अधिक फतेह किट के लिए एक और निविदा मंगाई जाती है और वही खरीद आदेश ग्रैंडवे इनकॉर्पोरेशन को 1338 रुपये में दिया जाता है. इस तरह जो किट पहले टेंडर में 837 रुपये में मिल रही थी उसके लिए तीसरे टेंडर में कीमत बढ़कर 1338 यानी करीब 500 रुपये प्रति किट ज्‍यादा हो गई, जबकि किट का सामान वही था.

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अकाली दल ने खोला मोर्चा

इस पूरे घोटाले को लेकर अकाली नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों को सरकारी वैक्सीन मोटी कीमतों पर बेचने के बाद ये फतेह किट का एक और नया घोटाला सामने आया है. इस घोटाले में कई बार रेट को लेकर कई बार टेंडर को बदला गया. 50 दिनों में 5 बार टेंडर के रेट बदले गए. 750 रुपये किट का टेंडर 1500 रुपये में दिया गया. जो ये फतेह किट कोविड पॉजिटिव मरीजों को दी जाती थी उसमें ऑक्सीमीटर का भी घोटाला हुआ है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को आड़े हाथों लेते हुए हरसिमरत ने कहा कि वो अपने फॉर्म से निकलते ही नहीं है. अफसरशाही ही सरकार चला रही है जिसके कारण ये कोरोना के नाम पर बड़े-बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं.