logo-image

डॉक्टरों और स्टाफ को नहीं मिला 4 महीने से वेतन, ग्रामीण डिस्पेंसरियों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब रूलिंग पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आप का कहना है कि राज्य में ग्रामीण डिस्पेंसरियों मे तैनात स्टाफ को कई माह से वेतन नहीं मिला है. गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हैं.

Updated on: 15 Oct 2021, 08:40 PM

highlights

  • पंचायत और स्वास्थ्य विभाग के बीच पिस रही ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं
  • स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर `आप' ने दी मुख्यमंत्री को चुनौती
  • कहा राज्य में नहीं हो रहा कुछ भी काम, चुनाव में जनता देगी जवाब 

नई दिल्ली :

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब रूलिंग पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आप का कहना है कि राज्य में ग्रामीण डिस्पेंसरियों मे तैनात स्टाफ को कई माह से वेतन नहीं मिला है. गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप्प हैं. लेकिन सबकुछ जानने के बाद भी कांग्रेस की सरकार मामले से अनजान बनी है. शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक अमन अरोड़ा ने चन्नी सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया है.. उन्होने कहा है कि लोगों में रहने का ड्रामा करने वाले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब की ग्रामीण डिस्पेंसरियों और शहरों के सरकारी अस्पताल नजर क्यों नहीं आ रहे?

यह भी पढें :Chhattisgarh:फिर लखीमपुर जैसी घटना दोहराई, गांजे से लदी जीप चढ़ाई

अमन अरोड़ा ने कहा कि सरकारी डिस्पेंसरियां और अस्पताल स्वयं वेंटिलेटर पर हैं, तो वहां आम मरीजों के ईलाज की क्या उम्मीद की जा सकती है. जिन डॉक्टरों और स्टाफ को चार महीने से वेतन नहीं मिला, वे ऐसी मानसिक परेशानी के हालात में मरीजों का ईलाज कैसे करेंगे? विधायक अरोड़ा ने आरोप लगाया कि अपने निजी फायदे और प्राइवेट अस्पताल माफिया के साथ मिलकर कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों ने पंजाब की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. जबकि 1980 तक पंजाब की स्वास्थ्य सेवाएं देश में सबसे अच्छी थी.


आप' नेता ने प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य नीति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ग्रामीण डिस्पेंसरियों के सुचारू संचालन में बुरी तरह विफल है, फिर सभी ग्रामीण डिस्पेंसरियां एकसाथ वापस लेकर स्वास्थ्य विभाग को क्यों नहीं सौंपी जा रही? अमन अरोड़ा ने कहा कि ग्रामीण डिस्पेंसरियां पंचायत और स्वास्थ्य विभाग की खींचतान में पीस रही हैं.. पंचायत विभाग सभी 23 जिलों की कुल 1186 डिस्पेंसरियों को टुकड़ों में स्वास्थ्य विभाग को सौंप रहा है. इस कारण शेष करीब 600 डिस्पेंसरियां भी बिना देरी एकसाथ स्वास्थ्य विभाग को सौंपी जाएं तो स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला न झाड़ सके..