Advertisment

CM भगवंत मान के गांव सतौज से शुरुआत हुई धान की सीधी बिजाई, ये मिलेगा किसानों को फायदा

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के गांव सतौज से इस साल धान की सीधी बिजाई की शुरुआत हुई है. रविवार को कृषि विभाग के अधिकारियों और सीएम मान की माता हरपाल कौर की मौजूदगी में सतौज गांव के किसानों ने अपने खेतों में धान की सीधी बीजाई कर पंजाब का पानी बचाने

author-image
Sunder Singh
New Update
maan punjab

file photo( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के गांव सतौज से इस साल धान की सीधी बिजाई की शुरुआत हुई है. रविवार को कृषि विभाग के अधिकारियों और सीएम मान की माता हरपाल कौर की मौजूदगी में सतौज गांव के किसानों ने अपने खेतों में धान की सीधी बीजाई कर पंजाब का पानी बचाने का संकल्प लिया. कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान भी अपने गांव सतौज पहुंचे थे और वहां के किसानों से इस साल धान की सीधी बिजाई करने की अपील की थी. अपने गांव के लोगों को संबोधित करते हुए सीएम मान ने कहा था कि मैं चाहता हूं कि पंजाब का पानी बचाने की शुरुआत मेरे गांव के लोग ही करें. इससे पूरे पंजाब में अच्छा संदेश जाएगा, नहीं तो लोग कहेंगे कि खुद मुख्यमंत्री के गांव के लोग तो पानी बचाने की कोशिश नहीं कर रहे तो दूसरे गांव के लोग कैसे करेंगे.

यह भी पढ़ें : इन महिलाओं के खाते में 6000 रुपए क्रेडिट करेगी सरकार, जल्द लिस्ट में चैक करें अपना नाम

मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि जो किसान धान की सीधी बिजाई (सूखे खेत में मशीन से धान की बिजाई) करेगा, उन्हें सहायता राशि के तौर पर पंजाब सरकार 1500 रुपए देगी. अगर कोई किसान धान की बिजाई न कर, मूंग की फसल लगाएगा या बरसात के मौसम में वनस्पति धान की खेती करेगा, उन किसानों की फसल एमएसपी के दाम पर पंजाब सरकार खुद खरीदेगी. पंजाब में सबसे ज्यादा गेहूं और धान की खेती होती है. सामान्य तौर पर किसानों द्वारा पहले अपने खेतों में पानी छोड़ कर धान की खेती की जाती है, जिसके कारण ग्राउंड वाटर का लेवल बेहद नीचे जा चुका है. पंजाब में ग्राउंड वाटर का लेवल 170 फीट के करीब पहुंच चुका है. ग्राउंड वाटर को बचाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब के किसानों से अपील कर रहे हैं कि ऐसी फसलें लगाएं या फसलों की इस तरह से बिजाई की जाए जिससे पानी की खपत कम हो.

धान की सीधी बिजाई करने वाली मशीनें हैं जो सूखे खेत में चलती हैं. इस प्रकिया में खेत में पानी की कोई जरूरत नहीं होती. एक बार बिजाई के बाद 21 दिन के बाद खेत में पानी छोडऩा पड़ता है. पारंपरिक तरीके में खेत में धान लगाने तक जीरी में पानी भर कर रखना पड़ता है, जिससे पानी की बेहद ज्यादा खपत होती हे।

Source : News Nation Bureau

farmers will get benefit the village of CM Bhagwant Mann paddy started from Satuj पंजाब न्यूज Direct sowing
Advertisment
Advertisment
Advertisment