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पंजाब में कांग्रेस संकट में! दिल्ली में पार्टी पैनल से मिले सिद्धू, बोले- सत्य हार नहीं सकता

पंजाब कांग्रेस के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है. पार्टी नेताओं में गुटबाजी और खींचतान की दौर जारी है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है.

Updated on: 01 Jun 2021, 02:51 PM

नई दिल्ली:

पंजाब कांग्रेस के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है. पार्टी नेताओं में गुटबाजी और खींचतान की दौर जारी है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. इस अंदरुनी कलह को सुलझाने की कवायद के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी आवाज मुखर की है. दिल्ली पहुंचे नवजोत सिद्धू ने कहा कि पंजाब के सच और हक की आवाज मैंने हाई कमान को बुलंद आवाज में बताई है. उन्होंने कहा कि सत्य प्रताड़ित हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं. पंजाब को जिताना है और हर पंजाब विरोधी ताकत को हराना है.

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दरअसल, पंजाब कांग्रेस में चल रही अनबन को दूर करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीश रावत और जेपी अग्रवाल की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. हरीश रावत कांग्रेस के पंजाब प्रभारी भी हैं. इस समिति ने बीते दिन पंजाब के करीब दो दर्जन विधायकों को दिल्ली बुलाया और हर किसी से चर्चा की. इसी कड़ी में मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू, कांग्रेस नेता परगट सिंह और अन्य नेताओं भी इस समिति से मिलने पहुंचे. करीब डेढ़ घंटे चली इस मुलाकात के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने बाहर निकलकर पत्रकारों से बातचीत की.

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 'जो कुछ भी हाईकमान ने पार्टी के हित में पूछा उन्हें पूरी तरह से सजग कर दिया है. पंजाब के लोगों की आवाज हाईकमान तक पहुंचाने आया हूं और मेरा पक्ष है कि पंजाब के लोगों की वित्तीय ताकत जो टैक्स के रूप में सरकार को जाती है वो लोगों तक वापस जानी चाहिए.' सिद्धू ने कहा कि पंजाब के सच और हक की आवाज मैंने हाई कमान को बुलंद आवाज में बताई है. पंजाब को जिताना है और हर पंजाब विरोधी ताकत को हराना है. उन्बोंने कहा कि मैंने आम जन की आवाज कमिटी के सामने रखी है. सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं.

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गौरतलब है कि पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन कांग्रेस में हालात ठीक नहीं है. पिछले दिनों दो दर्जन से अधिक विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ ही बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे. नवजोत सिंह सिद्धू भी लगातार उन्हें आड़े हाथों लेते आ रहे हैं. पिछले हफ्ते जुबानी जंग में सिद्धू ने मुख्यमंत्री को अपने 'सहयोगियों के कंधों' से गोलीबारी बंद करने की सलाह दी थी. सिद्धू ने अमरिंदर सिंह को याद दिलाया था कि उनकी आत्मा गुरु साहिब के लिए न्याय मांगती है. उनकी प्रतिक्रिया तब आई जब सात मंत्रियों ने अमरिंदर सिंह पर अनुशासनहीनता और मौखिक हमले शुरू करने के लिए सिद्धू को पार्टी से निलंबित करने की मांग की थी.