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सीएम चन्नी ने कहा-पंजाब में स्थापित होगा रामायण, महाभारत और गीता पर विशेष शोध केंद्र

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रामायण, महाभारत और श्रीमद भगवद गीता के तीन महाकाव्यों पर एक विशेष शोध केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है. सीएम चन्नी के कार्यालय ने यह सूचना दी है. 

Updated on: 28 Nov 2021, 06:09 PM

highlights

  • रामायण, महाभारत और गीता के अध्ययन के लिए बनेंगे विशेष शोध केंद्र
  • पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कार्यालय ने यह सूचना दी है
  • डेरे अपने अनुयायियों से विशेष पार्टी या प्रत्याशी के लिए करते हैं वोट की अपील  

 

नई दिल्ली:

पंजाब की राजनीति में धर्म बड़ी भूमिका निभाता है. अभी तक सिखों की लामबंदी पर सूबे के राजनीति की दश-दिशा तय करती रही है. लेकिन अब शिरोमणी अकाली दल के राजनीतिक रूप से कमजोर होने पर हिंदू वोट बैंक को साधने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस ने हिंदुओं को अपने पक्ष में करने के लिए एक चाल चली है. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रामायण, महाभारत और श्रीमद भगवद गीता के तीन महाकाव्यों पर एक विशेष शोध केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है. सीएम चन्नी के कार्यालय ने यह सूचना दी है. 

पंजाब की राजनीति में नेताओं, पार्टियों और जातिगत समीकरणों के साथ-साथ डेरे भी बड़ी भूमिका निभाते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो पंजाब में राजनीतिक दल और डेरे एक दूसरे की जरूरत हैं. डेरों के प्रमुख राजनीतिक पार्टियों का इस्तेमाल अपने 'भक्तों' की संख्या बढ़ाने के लिए करते हैं तो राजनीतिक दल इन डेरों की चौखट पर इसलिए जाते हैं ताकि इनके लाखों अनुयायियों के एकमुश्त वोट मिल सकें. 

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पंजाब में इन डेरों का दखल सिर्फ धार्मिक गतिविधियों तक नहीं है. डेरे वहां के सामाजिक-राजनीतिक नजरिए से कई समुदायों के वैचारिक मंच भी बन गए हैं. इन डेरों में दलित समुदाय के ज्यादा अनुयायी हैं जो राज्य में हमेशा से ही जाट सिखों के बीच अपनी जगह-पहचान पाने के लिए संघर्ष करते रहे हैं. डेरों की सक्रियता से जाट सिखों और दलितों की बीच वर्चस्व की लड़ाई बढ़ी है.

डेरे समय-समय पर अपने अनुयायियों से किसी पार्टी या प्रत्याशी के लिए वोट की अपील करते रहे हैं. यही वजह है कि राज्य के दो प्रमुख दल कांग्रेस हो या अकाली दल किसी न किसी डेरे से अपने संबंध बनाए रखे हैं. साल 2007 के चुनाव में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख रहे और अब रेप के आरोप में जेल काट रहे गुरमीत राम रहीम ने कांग्रेस की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी. कांग्रेस को मालवा इलाके में बड़ा समर्थन मिला था जबकि इसी क्षेत्र में अकाली दल को तगड़ा नुकसान हुआ था जबकि ये इस पार्टी का गढ़ माना जाता था.