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जलियांवाला बाग पर CM कैप्टन ने मोदी सरकार को दी क्लीन चिट, राहुल गांधी ने खड़े किए थे सवाल

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Captain Amarinder Singh) ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जिस तरह से ड्रोन से हथियार आ रहे हैं वह काफी चिंता की बात है.

Updated on: 31 Aug 2021, 05:20 PM

highlights

  • पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को दी क्लीन चिट
  • जिस तरह से ड्रोन से हथियार आ रहे हैं वह चिंता की बात है

नई दिल्ली:

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Captain Amarinder Singh) ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जिस तरह से ड्रोन से हथियार आ रहे हैं वह काफी चिंता की बात है. हथियार ड्रोन से (पुलिस द्वारा बरामद टिफिन बॉक्स बम जिसे कथित तौर पर एक ड्रोन के माध्यम से पहुंचाया गया था) आ रहे हैं और यह घटना लगातार हो रही है. जो हथियार नहीं पकड़े गए हैं उनका कहीं-न-कहीं बड़ी जगह इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि मैं भी ट्वीट कर खट्टर जी को जवाब दूंगा कि मेरी सरकार ड्रग्स पकड़ने का काम कर रही है.

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पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जलियांवाला बाग रेनोवेशन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के उलट केंद्र सरकार (Modi Government) को क्लीन चिट दे दी है. उन्होंने कहा कि उद्धाटन के दौरान मैं पीएम के कार्यक्रम में था और मेरे हिसाब से रेनोवेशन के बाद जलियांवाला बाग बहुत बढ़िया है. उन्होंने जलियांवाला बाग के जीर्णोद्धार पर कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या हटा दिया गया है. मुझे यह बहुत अच्छा लग रहा है. हालांकि, राहुल गांधी ने जलियांवाल बाग के जीर्णोद्धार पर सवाल खड़े किए थे.

पंजाब कांग्रेस में जारी सिद्धू वर्सेस कैप्टन विवाद में प्राइवेट कंपनियों के साथ किए गए बिजली समझौतों के मुद्दे पर एक बार फिर सीएम कैप्टन ने नवजोत सिंह सिद्धू को दो टूक जवाब दे दिया है. नवजोत सिंह सिद्धू लगातार पिछले कुछ दिनों से अपनी ही सरकार पर दबाव बना रहे थे कि प्राइवेट कंपनियों के साथ पूर्व की सरकारों में किए गए समझौते रद्द कर दिए जाएं और इसके लिए विधानसभा का पहला सत्र बुलाया जाए.

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इस पर कैप्टन ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि पहले की सरकारों ने जितने भी प्राइवेट कंपनियों के साथ बिजली समझौते किए हैं, वह सब कानूनी रूप से काफी सक्षम समझौते हैं. अगर सरकार उन्हें रद्द करती है तो ऐसे में पंजाब सरकार को सारा कामकाज छोड़कर सुप्रीम कोर्ट में ही बैठकर कानूनी विवाद को सुलझाना होगा, इसलिए ऐसा करना मुमकिन नहीं है.