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झांकी विवाद पर बोले CM भगवंत मान, पंजाब के शहीदों के बारे में किसी से NOC की जरूरत नहीं 

सीएम भगवंत मान ने कहा- भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव और लाला लाजपत राय हमारे नायक है, उनको ‘रद्द हुई झांकियों वाली श्रेणी’ के साथ नहीं जोड़ा जा सकता 

Updated on: 31 Dec 2023, 09:59 PM

चंडीगढ़:

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रविवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की ‘नामंजूर श्रेणी’ में अपनी झांकियां नहीं भेजेगी क्योंकि देश के शहीदों के बारे भाजपा से NOC लेने की जरूरत नहीं है. आज यहां जारी बयान में सीएम ने कहा कि शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरू, शहीद सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा, माई भागो, गदरी बाबो  समेत महान शहीदों को रद्द की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गणतंत्र दिवस की परेड में पंजाब की झांकी को शामिल न करके इन नायकों के महान योगदान और बलिदान को कम करने कोशिश कर रही है. सीएम ने कहा यह व्यवहार सहन नहीं किया   जा सकता है क्योंकि यह कदम हमारे महान देश भक्तों और राष्ट्रीय नेताओं का घोर निरादर है.

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सीएम ने कहा कि  केंद्र सरकार ने 30 दिसंबर को एक पत्र लिखकर राज्य सरकार को कहा कि गणतंत्र दिवस की परेड के लिए राज्य के साथ किए एम.ओ.यू. के क्लॉज-8 अनुसार राज्य हो या यू.टी. जिसका गणतंत्र दिवस की परेड के लिए चुनाव नहीं होता, उस राज्य या यू.टी. को 23-31 जनवरी के दौरान नई दिल्ली के लाल किले में होने वाले ‘भारत पर्व’ के दौरान झांकी दिखाने का मौका दिया जाएगा.

पंजाब अपने देशभक्तों और शहीदों का सत्कार करना अच्छी तरह जानता है

उन्होंने कहा कि यह पर्व सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मशहूर पकवानों, रिवायतों, वस्तुओं, दस्तकारी  और त्योहारों पर निर्भर है. सीएम ने कहा कि ‘भारत पर्व’ के बाद राज्य या यू.टी. की झांकी उनकी मर्जी अनुसार संबंधित राज्य या यू.टी. के समागमों में प्रदर्शित की जा सकती है. CM भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य अपनी झांकी नहीं भेजेगा क्योंकि देश के शहीदों को किसी से एन.ओ.सी. लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि पंजाब अपने देशभक्तों और शहीदों का सत्कार करना अच्छी तरह जानता है. 

सीएम ने कहा कि यह शहीद हमारे नायक है और इन योद्धाओं द्वारा देश के लिए किए बेमिसाल बलिदान के लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा. भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार को अपने नायकों के योगदान को दर्शाने के लिए केंद्र सरकार के सहारे की आवश्यकता नहीं है बल्कि राज्य अपने स्तर पर शहीदों को श्रद्धा और सत्कार देने में समर्थ है.