पंजाब विधानसभा के लंबित मानसून सत्र को तुरंत बुलाएं मुख्यमंत्री चन्नी : हरपाल सिंह चीमा
जब चन्नी विपक्ष के नेता थे, तो वह खुद तत्कालीन बादल सरकार से लंबे सत्र की मांग करते रहे थे, इसलिए उन्हें भी लंबित मानसून सत्र को कम से कम 15 दिन के लिए बुलाना चाहिए.
highlights
- जनहित के मुद्दों पर चर्चा के लिए 15 दिवसीय लाइव टेलीकास्ट सत्र की मांग
- किसानों के मुद्दे पर दो दिन किए जाएं समर्पित
- इसी सत्र में बिजली समझौते भी किए जाएं रद्द
चंडीगढ़:
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब के सभी लंबित और जनहित मुद्दों को लेकर पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से विधानसभा का लंबित मानसून सत्र तुरंत बुलाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि लोगों से जुड़े मुद्दों पर निर्णायक चर्चा के लिए पंजाब विधानसभा का 15 दिवसीय सत्र बुलाया जाना चाहिए. बृहस्पतिवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में विधायक हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि 3 सितंबर को श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती को समर्पित विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया गया था, जिसे तकनीकी या संवैधानिक रूप से मानसून सत्र से नहीं जोड़ा जा सकता है.
"इस दिन विशेष सत्र शुरू होने से पहले हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने आश्वासन दिया था कि 15-20 दिनों में सत्र फिर से बुलाया जाएगा जिसमें सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. लेकिन 20 दिन से अधिक दिन गुजर जाने के बाद भी सत्र नहीं बुलाया गया, इसलिए सरकार को तुरंत 15 दिन का सत्र बुलाना चाहिए.
“उद्योग बाहर जा रहे हैं,नकली दवाओं से फसलें बर्बाद हो रही हैं साथ ही खाद की कमी सहित तमाम मुद्दे लंबित हैं. इन सभी मुद्दों को हल करने को लेकर संयुक्त चर्चा के लिए पंजाब विधानसभा का एक सत्र बुलाया जाना चाहिए,” उन्होंने कहा कि कृषि विरोधी काले कानूनों और कृषि संकट के स्थायी समाधान के लिए विशेष रूप से दो दिन समर्पित किए जाने चाहिए. हरपाल सिंह चीमा ने मांग की है कि पंजाब के लोगों को महंगी बिजली और बिजली माफिया से बचाने के लिए पिछली बादल सरकार द्वारा निजी बिजली कंपनियों के साथ हुए बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को इस सत्र के दौरान रद्द किया जाना चाहिए.
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चीमा ने कहा कि विधानसभा में किसानों,मजदूरों,व्यापारियों,कर्मचारियों और बेरोजगारों से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करने की जरूरत है, क्योंकि यह लंबित मानसून सत्र मौजूदा सरकार का अंतिम सत्र होगा. उन्होंने आगे कहा कि सत्र की कार्यवाही का सीधा प्रसारण (लाइव) किया जाना चाहिए. साथ ही मीडिया को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए. पिछले लंबे समय से मीडियाकर्मियों को कोविड नियमों का हवाला देकर विधानसभा परिसर में एंट्री नहीं दी जा रही है.
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को विपक्ष के नेता के रूप में उनके कार्यकाल की याद दिलाते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि “जब चन्नी विपक्ष के नेता थे, तो वह खुद तत्कालीन बादल सरकार से लंबे सत्र की मांग करते रहे थे, इसलिए उन्हें भी लंबित मानसून सत्र को कम से कम 15 दिन के लिए बुलाना चाहिए.”आप नेता ने कहा कि पंजाब और उसकी जनता परेशान है क्योंकि राज्य में माफिया चरम पर हैं और युवा नशे के जाल में फंस गया है.
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