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जानें कौन हैं चरनजीत सिंह चन्नी? पंजाब के बने नए मुख्यमंत्री 

कई घंटे के सियासी उफान के बाद कांग्रेस ने रविवार को घोषणा की है कि चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के नए मुख्यमंत्री ( Punjab New Chief Minister Charanjit Singh Channi ) होंगे.

Updated on: 19 Sep 2021, 07:02 PM

नई दिल्ली:

कई घंटे के सियासी उफान के बाद कांग्रेस ने रविवार को घोषणा की है कि चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के नए मुख्यमंत्री ( Punjab New Chief Minister Charanjit Singh Channi ) होंगे. पार्टी महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने एक ट्वीट में कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि श्री चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से पंजाब कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है. दरअसल, चरन​जीत सिंह चन्नी पंजाब कांग्रेस के ​वरिष्ठ नेता हैं और कई अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं. पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने रविवार शाम को चन्नी को विधायक दल का नेता चुने जाने की जानकारी दी.

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आपको बता दें कि चरन​जीत सिंह चन्नी नवजोत सिंह सिद्धू खेमे के मानें जाते हैं. चन्नी तीन बार नगर पार्षद रहे हैं और तीन बार ही नगर परिषद खरड़ के अध्यक्ष भी रहे हैं. चरनजीत 2007 में पहली बार पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए. इसके बाद वह 2012 और 2017 में फिर से विधायक बने. चन्नी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में टेक्निकल, एजुकेशन और इंडस्ट्रियल जैसे बड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाली. 14वीं विधानसभा में उनको विपक्ष के नेता के तौर पर चुना गया. चन्नी फिलहाल चमकूर साहिब विधानसभा से विधायक हैं. इसके साथ ही पंजाब कांग्रेस का दलित चेहरा माने जाते हैं.

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आपको बता दें कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस को नए सीएम की तलाश थी. जिसको लेकर पिछले दो दिनों से बैठकों का दौर जारी रहा. मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे पहले सुनील जाखड़ और नवजोत सिंह सिद्धू का नाम सामने आ रहा था, लेकिन रविवार को अचानक बदले समीकरणों ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी और पंजाब कांग्रेस के नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम आगे ला लिया. कांग्रेस ने अंबिका सोनी का पंजाब की कमान सौंपनी चाही, लेकिन उन्होंने इस जिम्मेदारी को स्वीकार करने से इनकार दिया. जिसके बाद कांग्रेस नेतृत्व ने सुखजिंदर रंधावा को जिम्मेदारी देनी चाहिए. यहां तक सीएम पद के लिए उनका नाम लगभग तय हो गया था, लेकिन ऐन मौके पर सिद्धू गुट ने उनके नाम का विरोध कर दिया. नवजोत सिंह सिद्धू ने नाराजगी के चलते अपना फोन भी बंद कर लिया.