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चक दे फट्टे... पंजाब के नवनियुक्त CM चरणजीत सिंह चन्नी ने किया भांगड़ा,देखें VIDEO   

इतना ही नहीं चरणजीत सिंह चन्नी ने स्टेज पर भांगड़ा डाल रहे लोगों के साथ जमकर डांस किया.

Updated on: 23 Sep 2021, 04:38 PM

चंडीगढ़:

पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भले ही राजनीतिक बयानों पर कोई टिप्पणी करने से बच रहे हैं लेकिन पंजाब की नब्ज को वे बखूबी पहचानते है. कपूरथला में एक कार्यक्रम में वे भांगड़ा देख खुद को रोक नहीं पाए और स्टेज पर डांस करने के लिए पहुंच गए. इतना ही नहीं चरणजीत सिंह चन्नी ने स्टेज पर भांगड़ा डाल रहे लोगों के साथ जमकर डांस किया. पंजाब में कांग्रेस के भीतर लंबे समय तक चली तनातनी और कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद वरिष्ठ दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को बीते रविवार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना गया और बीते सोमवार को राज्य के सीएम पद की शपथ ली है.  कैप्टन अमरिंदर सिंह के स्थान पर चन्नी की नियुक्ति को पार्टी हाई कमान के इशारे पर हुआ. उस समय कहा गया कि चरणजीत सिंह चन्नी दलित सिख है और राज्य में दलितों की आबादी सबसे अधिक है. लेकिन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कपूरथला में भांगड़ा करके बता दिया कि वे पंजाब के असली प्रतिनिधि हैं. 

पंजाब की राजनीति में दिन-प्रतिदिन कुछ न कुछ घटित होता रहता है. पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर कभी उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पैप्टन अमरिंदर सिंह का बयान बम फूटता है तो कभी विपक्षी अकाली दल औऱ आम आदमी पार्टी के नेता हल्ला बोल देते हैं. लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह बयानों और हमलों  का जवाब देने के बजाए जनता से सीधे जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

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विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab assembly election 2022) से पहले पंजाब में बड़ा बदलाव हुआ है. कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटा कर कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंप दी है. नवनियुक्त दलित-सिख मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को एक सादे समारोह में राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. उनके साथ दो डिप्टी सीएम ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. उपमुख्यमंत्रियों में एक जाट सिख और दूसरा हिंदू समुदाय से है. चुनाव से पहले कांग्रेस ने वोट बैंक को साधने की कोशिश की है. वहीं चरणजीत सिंह चन्नी के पास चुनौतियां बहुत ज्यादा है. एक तरफ कांग्रेस में उठ रहे बगावत के सुर को शांत करना है तो दूसरी तरफ उनके पास सरकार चलाने के लिए मोहलत कम है. उनके पास खुद को साबित करने के लिए लगभग 12 सप्ताह का ही वक्त है. क्योंकि आचार संहिता लग जाने के बाद चरणजीत सिंह कोई 'करिश्मा' नहीं दिखा पाएंगे.