Capt. अमरिंदर सिंह ने खारिज की मोंटेक सिंह आहलुवालिया समिति की सिफारिश
मोंटेक सिंह अहलूवालिया की 74 पन्ने की अंतरिम रिपोर्ट में सरकार को ऐसे-ऐसे उपाय सुझाए थे, जिनमें से अधिकांश उपाय केंद्र सरकार की नीतियों से मेल खा रहे थे और कैप्टन अमरिंदर सिंह इन नीतियों का काफी पहले से ही विरोध करते आ रहे हैं.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ बिगुल फूंक रहे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आर्थिक विशेषज्ञ और योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलुवालिया कमेटी की कृषि क्षेत्र को लेकर की गई सिफारिशों को नकार दिया है. सोमवार को लगातार एक के बाद करके अमरिंदर सिंह ने तीन ट्वीट किए, कृषि क्षेत्र पर मोंटेक कमेटी की प्रारंभिक सिफारिशों को अस्वीकार करके मैंने, अपना और अपनी सरकार का रुख स्पष्ट कर दिया है. ऐसा कुछ भी जो किसानों के हित में नहीं है या उनके बोझ में इजाफा करता है, पंजाब में तब तक लागू नहीं होगा जब तक मैं यहां की सत्ता पर काबिज हूं.
इसके बाद अमरिंदर सिंह ने एक और ट्वीट किया अपने इस दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, मोंटेक सिंह अहलूवालिया कमेटी एक विशेषज्ञ समूह है जिसका कार्य सिफारिशें करना है. लेकिन उन्हें स्वीकार या अस्वीकार करना मेरी सरकार का काम है. मुझे इस कानून की जमीनी हकीकत पता है और मुझे पता है कि मेरे किसानों के लिए क्या अच्छा है. मैं किसी भी कीमत पर उनके हितों से समझौता नहीं होने दूंगा.
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वहीं अपने तीसरे ट्वीट में सीएम अमरिंदर सिंह ने लिखा, किसी भी मामले में, मोंटेक सिंह अहलूवालिया कमेटी के लिए अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करना अभी बाकी है और कृषि ही एकमात्र क्षेत्र नहीं है. उन्होंने बताया कि यह कमेटी कोविड महामारी के बाद पैदा हुए हालात में आर्थिक पुनरुत्थान के मद्देनजर खाका तैयार कर रही है. फिलहाल प्रारंभिक रिपोर्ट में से चुनिंदा सिफारिशों पर अमल करने का कोई प्रयोजन नहीं है.
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आपको बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब को कोविड-19 महामारी संकट के बाद वित्तीय संकट से उबारने के लिए आर्थिक विशेषज्ञ मोंटेक सिंह आहलुवालिया के नेतृत्व में समिति गठित की थी. इस कमेटी ने पिछले साल अगस्त में अपनी पहली अंतरिम रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी. मोंटेक सिंह अहलूवालिया की 74 पन्ने की अंतरिम रिपोर्ट में सरकार को ऐसे-ऐसे उपाय सुझाए थे, जिनमें से अधिकांश उपाय केंद्र सरकार की नीतियों से मेल खा रहे थे और कैप्टन अमरिंदर सिंह इन नीतियों का काफी पहले से ही विरोध करते आ रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- केंद्र के कृषि कानूनों को पंजाब में नहीं लागू होने दूंगाः अमरिंदर सिंह
- आर्थिक विशेषज्ञ मोंटेक सिंह अहलूवालिया की रिपोर्ट को किया दरकिनार
- अहलूवालिया की अधिकतर उपाय केंद्र की नीतियों से मेल खा रहे थे
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