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Golden Temple: पर्यटकों को नहीं होगी कोई परेशानी, SGPC ने उठाए ये कदम

SGPC appoints five guides at Golden Temple : अमृतसर में स्थित सिखों के सर्वप्रमुख धार्मिक स्थल स्वर्ण मंदिर ( Golden Temple ) में अब पर्यटकों ( Foreign and Domestic Tourists at Golden Temple ) को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. इसके लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ( Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee ) टूरिस्ट गाइडों की तैनाती की है.

Updated on: 05 Feb 2023, 12:18 AM

highlights

  • स्वर्ण मंदिर में एसजीपीसी ने तैनात किये टूरिस्ट गाइड
  • देशी-विदेशी पर्यटकों को नहीं होगी कोई परेशानी
  • भाषाई समस्याओं के चलते लोग होते थे परेशान

अमृतसर/नई दिल्ली:

SGPC appoints five guides at Golden Temple : अमृतसर में स्थित सिखों के सर्वप्रमुख धार्मिक स्थल स्वर्ण मंदिर ( Golden Temple ) में अब पर्यटकों ( Foreign and Domestic Tourists at Golden Temple ) को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. इसके लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ( Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee ) टूरिस्ट गाइडों की तैनाती की है. शुरुआत में इनकी संख्या 5 रखी गई है, जिनकी संख्या जरूरत पड़ने पर आगे बढ़ा दी जाएगी. स्वर्ण मंदिर पहुंचने वाले लोग इस मुहिम की तारीफ कर रहे हैं.

सिख धर्म के इतिहास से परिचित कराएंगे गाइड

स्वर्ण मंदिर के पदाधिकारी सतनाम सिंह ने बताया कि हमनें श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सहायता के लिए ये कदम उठाया है. सतनाम सिंह ने बताया कि ये गाइड यहां आने वाले लोगों को स्वर्ण मंदिर की महिमा और सिखों के इतिहास से परिचित कराएंगे. इसके अलावा सिख धर्म के बारे में जानकारी देंगे. ये गाइड पर्यटकों को स्वर्ण मंदिर से जुड़ी हर चीज बताएंगे और लंगर हाल से लेकर कॉम्पेक्स के अंदर तक तैनात रहेंगे. 

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विदेशी पर्यटकों को मिल रही काफी मदद

इटली से अमृतसर पहुंचे एक पर्यटक ने एएनआई से बातचीत में कहा कि अब तक हमें भाषाई दिक्कतों के चलते स्वर्ण मंदिर को समझने में दिक्कत होती थी. लेकिन गुरुद्वारा कमेटी की इस मुहिम की वजह से लोगों को स्वर्ण मंदिर को समझने में मदद मिल रही है. बता दें कि स्वर्ण मंदिर को हरिमन्दिर साहिब कहा जाता है. ये सिख धर्मावलंबियों का सबसे पावन धार्मिक स्थल या सबसे प्रमुख गुरुद्वारा है. स्वर्ण मंदिर को दरबार साहिब भी कहा जाता है. पूरा अमृतसर शहर स्वर्ण मंदिर के चारों तरफ बसा हुआ है.  स्वर्ण मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं. अमृतसर का नाम वास्तव में उस सरोवर के नाम पर रखा गया है जिसका निर्माण गुरु राम दास ने स्वयं अपने हाथों से किया था. इस गुरुद्वारे का बाहरी हिस्सा सोने का बना हुआ है, इसलिए इसे 'स्वर्ण मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है.