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पंजाब: अमरिंदर और बाजवा में बढ़ा टकराव, सुरक्षा वापस लेने पर बरसे प्रताप सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा के बीच आपसी टकराव उस समय और बढ़ गया है, जब प्रताप सिंह बाजवा की पुलिस सुरक्षा राज्य सरकार द्वारा वापस ले ली गई.

Updated on: 12 Aug 2020, 09:45 AM

चंडीगढ़:

राजस्थान (Rajasthan) में राजनीतिक संकट लगभग खत्म होने को है लेकिन अब पंजाब में कांग्रेस के अंदर लड़ाई शुरू हो गई है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा के बीच आपसी टकराव उस समय और बढ़ गया है, जब प्रताप सिंह बाजवा की पुलिस सुरक्षा राज्य सरकार द्वारा वापस ले ली गई. प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa) ने सुरक्षा हटाए जाने से नाराज डीजीपी पंजाब और चंडीगढ़ के डीजीपी को खत लिखा है. बाजवा ने कहा कि मुझे या मेरे परिवार को कुछ हुआ तो उसके जिम्मेदारी पंजाब के मुख्यमंत्री और डीजीपी की होगी.

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कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब पुलिस के प्रमुख दिनकर गुप्ता पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण उनकी सुरक्षा वापस ली गई है. बाजवा ने कहा कि बीते कुछ सालों के दौरान कई खुफिया रिपोर्टों में उन पर खतरे की आशंका की पुष्टि हुई है. बाजवा ने आरोप लगाया कि उन पर खतरे की आशंका को खत्म करने के लिए पुलिस ने फर्जी खतरा संबंधी रिपोर्ट तैयार की है.

सांसद ने डीजीपी को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि वह पत्र पुलिस सुरक्षा बहाल करने के लिए नहीं लिख रहे हैं. बाजवा ने कहा, 'मैं खतरा संबंधित मूल्यांकन रिपोर्ट और सुरक्षा आवंटित करने (की प्रक्रिया) का राजनीतिकरण करने से चिंतित हूं.' पंजाब के कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा कि वह राजनीतिक- पुलिस-ड्रग गठजोड़ को उजागर करते रहे हैं. साथ में पिछले कुल सालों में उन्होंने राज्य के कथित संरक्षण में अवैध शराब के उत्पादन और वितरण तथा पंजाब में अवैध खनन को उजागर किया है. बाजवा ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस पंजाब के मुख्यमंत्री के कहने पर काम कर रही है और मुख्यमंत्री की सुविधा के अनुसार अपनी रिपोर्टें दे रही है.

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उन्होंने डीजीपी से पूछा कि जिस आधार पर उन्हें दी गई पुलिस सुरक्षा वापस ली गई है, उसी आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की पुलिस सुरक्षा वापस क्यों नहीं ली गई है. इन नेताओं को भी केंद्र सरकार का सुरक्षा कवर प्राप्त है. चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय बेनीवाल को लिखे एक अलग पत्र में बाजवा ने कहा कि सुरक्षा वापस लेने के कारण उनके परिवार को हुए किसी भी नुकसान के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री तथा राज्य डीजीपी जिम्मेदार होंगे.

दरअसल, पंजाब सरकार ने पिछले हफ्ते राज्यसभा सदस्य की राज्य पुलिस की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया था और कहा था कि उन्हें केंद्रीय सुरक्षा कवर मिला हुआ और उन्हें कोई खतरा नहीं लगता है. राज्य सरकार का यह फैसला तीन जिलों में जहरीली शराब से 121 लोगों की मौत की पृष्ठभूमि में बाजवा और कांग्रेस के अन्य राज्यसभा सदस्य शमशेर सिंह डुल्लो द्वारा राज्य में शराब कथित अवैध कारोबार की सीबीआई जांच कराने की मांग के कुछ दिन बाद आया. इससे खफा बाजवा ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाया था कि वह उनके पूरे परिवार को खतरे में डाल रहे हैं क्योंकि उन्होंने सरकार की आलोचना की है.

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उधर, प्रताप सिंह बाजवा की पुलिस सुरक्षा राज्य सरकार द्वारा वापस लिए जाने के कदम की पार्टी के एक अन्य सांसद शमशेर सिंह दुलो ने आलोचना की और कहा कि इस राज्य में 'चाटुकारिता' के आधार पर सुरक्षा दी जाती है. पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके दुलो ने कहा, 'पंजाब में सुरक्षा दिये जाने का कोई मापदंड नहीं है. पंजाब में सुरक्षा खतरे के आधार पर प्रदान नहीं की जाती है, यह चाटुकारिता के आधार पर दी जाती है. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें और बाजवा को कुछ होता है तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता जिम्मेदार होंगे.'