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cm bhagwant mann Photograph: (social media)
पंजाब में जब बाढ़ ने तबाही मचाई तो लाखों एकड़ जमीन और फसलें तबाह हो गईं. इस आपदा में पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार किसानों और आम लोगों के संग खड़ी नजर आई. सीएम भगवंत मान ने न सिर्फ तुरंत गिरदावरी शुरू करवाई, बल्कि समय से पहले मुआवजा देकर यह साबित कर दिया कि सरकार केवल बातें नहीं करती, बल्कि अपना वादा पूरा करके दिखाती है.
11 सितंबर को विशेष गिरदावरी का ऐलान किया गया था. 45 दिनों में पूरा करने लक्ष्य तय किया गया था. सरकार ने उससे भी पहले 30वें दिन मुआवजा वितरण की शुरुआत कर दी. पंजाब में 2,508 गांवों में फसल का नुकसान हुआ. करीब 3.5 लाख एकड़ खेती योग्य जमीन बर्बाद हुई. राज्य सरकार ने बिना देरी किए किसानों को 20 हजार प्रति एकड़ मुआवजा देना आरंभ किया. यह अब तक का सबसे बड़ा और सबसे तेज राहत अभियान है.
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मुआवजे की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाई
पंजाब सरकार ने अपने संसाधनों से किसानों के लिए 13,200 रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिया है. इससे यह साफ हो गया है कि मुआवजे की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाई गई है. इससे बिचौलियों की देरी की किसी तरह गुंजाइश नहीं है. बाढ़ के घरों के नुकसान का भी तेजी से सर्वे हुआ. 30,806 घरों का सर्वे पूरा कर लिया गया. आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों का मुआवजा 6,500 से बढ़ाकर 40,000 रुपये किया गया. इन परिवारों ने अपने प्रियजनों को बाढ़ में खोया, उन्हें 4 लाख रुपये की सहायता दी गई. मवेशियों और पोल्ट्री के नुकसान का मुआवजा भी तय कर दिया गया.
52 गांवों में 5 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा
ऐसा पहली बार है कि सभी आकलन और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया एक पारदर्शी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की गई. अजनाला क्षेत्र के 52 गांवों में 5 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा सीधे किसानों और प्रभावित परिवारों को दिया गया. हर गांव, हर किसान और हर परिवार तक राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने जमीनी स्तर पर टीमों को सक्रिय कर दिया. ‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति के तहत बाढ़ से प्रभावित जमीन को फिर से खेती योग्य बनाने को लेकर काम तेजी से चल रहा है. मिशन ‘चढ़दीकला’ के तहत पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित गांवों को दोबारा से खड़ा करने का संकल्प लिया. सीएम भगवंत मान ने स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब का किसान कभी अकेला नहीं रहने वाला. सरकार हर कदम पर साथ है.
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