तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, जिन्हें केसीआर के नाम से जाना जाता है, ने सोमवार को घोषणा की कि वह राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ ‘राष्ट्रीय बदलाव लाने के लिए’ बातचीत कर रहे हैं. इस कदम के साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रीय परिवर्तन लाने के लिए प्रशांत किशोर के साथ बातचीत कर रहा हूं. इसके लिए प्रशांत किशोर मेरे साथ काम कर रहे हैं. इससे किसे समस्या हो सकती है? वे क्यों रो रहे हैं?”
प्रशांत किशोर ने कथित तौर पर पिछले महीने हैदराबाद के बाहर स्थित केसीआर के फार्महाउस पर उनसे मुलाकात की थी, जिसके बाद से ही 2024 के आम चुनावों से पहले भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनाने के तेलंगाना के मुख्यमंत्री के प्रयासों के अटकलों को हवा मिली.
पिछले कुछ महीनों से पीएम मोदी और बीजेपी पर केसीआर के हमलों में तेजी आई है. पिछले महीने, जब प्रधानमंत्री संत रामानुजाचार्य की प्रतिमा के विमोचन के लिए हैदराबाद गए थे, तो राव स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उनसे नहीं मिले थे. इसके कुछ दिन पहले, उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि वे ‘चुनावों के लिए कपड़े पहनते हैं’और उनका बजट ‘सिर्फ ऊपर से सही नजर आता है, लेकिन वह अंदर से खोखला’है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “अगर यह चुनाव का समय है, तो उन्हें दाढ़ी बढ़ानी होगी और रवींद्रनाथ टैगोर की तरह दिखना होगा. अरे बाप रे. अगर यह तमिलनाडु है, तो उन्हें लुंगी पहननी चाहिए, यह क्या है? देश को इस तरह की नौटंकी से क्या मिलता है नौटंकी का? अगर यह पंजाब का चुनाव है, तो वह पगड़ी पहनेंगे. मणिपुर में, यह मणिपुरी टोपी होगी, उत्तराखंड में, यह एक और टोपी होगी, इस तरह कितनी टोपी होगी?”

उत्तर प्रदेश में लगे चंद्रशेखर राव और प्रशांत किशोर के पोस्टर
कुछ दिन पहले 19 मार्च को उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को ‘देश का नेता’ बताने वाले और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बधाई देने वाले लगे पोस्टरों ने लोगों का ध्यान खींचा था. राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस)के एक कार्यकर्ता ने हिंदी भाषी प्रदेश में अपने नेता की लोकप्रियता बढ़ाने का बीड़ा उठाया है.
गौरतलब है कि राव भारतीय जनता पार्टी का विरोध कर रहे हैं और उसके खिलाफ गठबंधन बनाने की जुगत में लगे हैं. इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि आगामी चुनाव में टीआरएस चुनावी रणनीति के लिये प्रशांत किशोर की सेवाएं ले सकती है, लेकिन इस बारे में अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है.
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विचित्र बात यह है कि पोस्टर में जहां एक तरफ किशोर को जन्मदिन की बधाई दी गई है, वहीं एक अन्य पोस्टर में लगभग सभी गैर-भाजपाई और गैर-कांग्रेसी नेताओं तथा मुख्यमंत्रियों के चित्र लगाए गए हैं. इनमें एम के स्टालिन, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन और भगवंत मान शामिल हैं. अन्य नेताओं में शरद पवार, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव भी हैं, जिन्हें पोस्टर में जगह दी गई है.
पोस्टर में केसीआर को बताया गया ‘देश का नेता’
हैदराबाद के रहने वाले टीआरएस कार्यकर्ता तेलंगाना साई ने ये पोस्टर लगवाए थे. उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश तथा देश के लोगों को राव के बारे में बताना चाहते थे कि वह गैर-भाजपा नेताओं के समर्थन से दिल्ली में उच्च पद तक पहुंचने में सक्षम हैं. साई ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि राव तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में लोकप्रिय हैं, लेकिन उन्हें उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और अन्य राज्यों के लोग ज्यादा नहीं जानते. पोस्टर में राव को ‘देश का नेता’ के तौर पर दर्शाया गया है.
राज्य के सिद्दिपेट जिले में हाल में हुई बैठक में राव ने कहा था कि वह राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करने की दिशा में बढ़ रहे हैं और वह अपनी पूरी क्षमता का उपयोग देश में चीजों को सही करने में करेंगे. किशोर ने हाल में राव से मुलाकात की थी, लेकिन अभी तक उनके और टीआरएस के बीच कोई समझौता मूर्तरूप नहीं ले पाया है.