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दुश्मन के छक्के छुड़ा देगी भारत की नई ताकतवर मिसाइल Akash-NG, देखें वीडियो

भारत ने ओडिशा तट से शुक्रवार को सतह से हवा में मार करने वाली आकाश-एनजी मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया

Updated on: 23 Jul 2021, 07:05 PM

highlights

  • भारत ने आकाश-एनजी मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया 
  • दो दिन में 30 किमी की मारक क्षमता रखने वाली मिसाइल ​का दूसरा परीक्षण 
  • मिसाइल रडार, कमांड, कंट्रोलर समेत सभी तरह की हथियार प्रणाली से लैस

नई दिल्ली:

भारत ने ओडिशा तट ( Odisha coast) से शुक्रवार को जैसे ही सतह से हवा में मार करने वाली आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली ( air missile air defence system) का सफल परीक्षण किया वैसे ही भारतीय सेना के तरकश में एक और बड़ा हथियार जुड़ गया. बीते दो दिनों के भीतर 30 किलोमीटर की मारक क्षमता रखने वाली वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का यह दूसरा परीक्षण फायरिंग है. आपको बता दें कि इससे पहले भारत ने बुधवार को आकाश मिसाइल के नए एडिशन का ओडिशा तट से ही सफल परीक्षण किया था. अधिकारिक जानकारी केे अनुसार यह मिसाइल बहुउद्देशीय रडार, कमांड, कंट्रोल, संचार प्रणाली और लांचर समेत सभी तरह की हथियार प्रणाली से लैस है. इसका परीक्षण जमीनी मंच से किया गया है.

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हैदराबाद स्थित रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला ने DRDO की लैब के साथ इस मिसाइल सिस्टम को डवलेप किया है. जमीन से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल का परीक्षण रेंज से किया गया. सूत्रों के अनुसार परीक्षण के समय मिसाइल ने हाई स्पीड वाले संवेदनशील हवाई लक्ष्यों पर पूरी सटीकता के साथ निशाना साधा. इस दौरान जिन हथियारों से मिसाइल को लैस किया गया है, उनके भी सही से काम करने की पुष्टि हुई. भारत ने बुधवार को नई पीढ़ी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश मिसाइल (आकाश-एनजी) का ओडिशा तट के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सफलतापूर्वक परीक्षण किया. उड़ान का परीक्षण भूमि आधारित प्लेटफॉर्म से दोपहर करीब 12:45 बजे किया गया, जिसमें मल्टीफंक्शन रडार, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और तैनाती विन्यास में भाग लेने वाले लांचर जैसी सभी हथियार प्रणालियां थीं.

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मिसाइल प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला ( DRDL ), हैदराबाद द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के सहयोग से विकसित किया गया है. इस प्रक्षेपण को भारतीय वायु सेना के नुमाइंदों ने देखा. उड़ान डेटा को हासिल करने के लिए आईटीआर ने इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज स्टेशनों को तैनात किया. इन प्रणालियों द्वारा कैप्चर किए गए संपूर्ण उड़ान डेटा से संपूर्ण हथियार प्रणाली के दोषरहित प्रदर्शन की पुष्टि की गई है। डीआरडीओ ने एक बयान में कहा, परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने तेज और फुतीर्ले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए आवश्यक उच्चस्तरीय गतिशीलता का प्रदर्शन किया.