विवाद मुक्त पूर्वोत्तर का ऐतिहासिक दिन, 50 साल पुराना असम-मेघालय सीमा विवाद सुलझा

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी दोनों राज्यों के बीच समझौते को ऐतिहासिक दिन करार दिया.

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी दोनों राज्यों के बीच समझौते को ऐतिहासिक दिन करार दिया.

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Pradeep Singh
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North East

गृहमंत्री के साथ असम एवं मेघालय के CM( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

पश्चिमोत्तर के कई राज्यों के बीच सीमा विवाद है. ये सीमा विवाद कई बार खूनी भी हो चुका है. सीमा विवाद में पड़ोसी राज्यों की जनता एक दूसरे से खून-खराबा करते रहे है. आजादी के बाद से ही ऩर्थ ईस्ट के कई राज्यों के बीच सीमा विवाद बना हुआ है. लेकिन केंद्र सरकार के सहयोग से  असम और मेघालय के बीच चल रहा 50 साल पुराना विवाद अब सुलझ गया है. असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में अंतर्राज्यीय सीमा मुद्दों के समाधान के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

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इस विवाद के हल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा योगदान बताया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री ने इसे पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि दोनों राज्यों के मध्य अधिकांश मुद्दों को सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा, “आज असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराना लंबित सीमा विवाद सुलझ गया है. विवाद के 12 में से 6 बिंदुओं को सुलझा लिया गया है, जिसमें लगभग 70% सीमा शामिल है. शेष 6 बिंदुओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा.”

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “आज का दिन एक विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन है. देश में जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तब से पूर्वोत्तर की शांति प्रक्रिया, विकास, समृद्धि और यहां की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन के लिए अनेक वृहद प्रयास किए गए हैं.” वहीं, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा, “हम इसे आगे ले जाकर जिन बाकी जगहों पर विवाद है उन्हें हल करने कोशिश करेंगे.”

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दूसरी ओर, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी दोनों राज्यों के बीच समझौते को ऐतिहासिक दिन करार दिया. उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है. इस एमओयू के बाद अगले 6-7 महीनों में बाकी विवादित स्थलों की समस्या का समाधान करने का हमारा लक्ष्य है. हम पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश में विकास का इंजन बनाने की दिशा में काम करेंगे.”

सरमा ने आगे कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री ने असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सीमा विवादों को सुलझाने का भी अनुरोध किया. मैंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ बैठक की, जहां हमने 122 विवादित बिंदुओं को निपटाने के लिए एक रोड मैप बनाया. मिजोरम और नागालैंड के मुख्यमंत्री के साथ शुरुआती चर्चा शुरू हो गई है.”

जानकारी के मुताबिक 31 जनवरी को दोनों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों ने गृह मंत्री अमित शाह को एक समझौता पत्र विचार के लिए सौंपा था. गृह मंत्रालय ने मतभेद वाले 12 क्षेत्रों में से छह पर विवाद हल करने के लिए जनवरी में असम और मेघालय के बीच हुए सीमा समझौते को अंतिम रूप देने के लिए 29 मार्च की तारीख तय की थी.

मेघालय और असम के मुख्यमंत्रियों ने पहले चरण में छह स्थानों ताराबाड़ी, गिजांग, हाकिम, बोकलापाड़ा, खानपाड़ा-पिलंगकाटा और रतचेरा में सीमा विवाद को हल करने के लिए 29 जनवरी को गुवाहाटी में समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. इसके बाद इसे गृह मंत्रालय को भेजा गया था.

गौरतलब है कि मेघालय 1972 में असम से अलग होकर एक राज्य बना था और इसने असम पुनर्गठन कानून, 1971 को चुनौती दी थी जिससे 884.9 किलोमीटर लंबी साझा सीमा के विभिन्न हिस्सों में 12 इलाकों को लेकर विवाद पैदा हुआ था.

50-year-old border dispute amit shah Assam-Meghalaya border dispute resolved Assam CM Himant Biswa sarma
      
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