क्यों शिवसेना ने राज्य के बाहर नहीं लड़ा चुनाव? पार्टी के विस्तार पर रखा ये तर्क

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि हमारी पार्टी महाराष्ट्र के बाहर अपना वर्चस्व कायम करना चाहती थी. मगर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आग्रह पर ऐसा नहीं किया. 

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Mohit Saxena
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शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी महाराष्ट्र से बाहर अपना वर्चस्व कायम करना चाहती थी. बालासाहेब भी महाराष्ट्र के बाहर पार्टी का विस्तार करना चाहते थे. अयोध्या आंदोलन के बाद बाला साहेब ठाकरे की लहर थी. राउत ने महाराष्ट्र  से बाहर पार्टी का विस्तार न होने के पीछे की वजह को बताया.      

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बाला साहेब काफी लोकप्रिय थे 

संजय राउत के अनुसार, उस समय हमारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन था. अयोध्या आंदोलन के बाद बाला साहेब ठाकने की काफी लोकप्रिय थे. हम पार्टी का विस्तान महाराष्ट्र से बाहर करना चाहते थे. हिंदी भाषीय राज्यों में बाला साहेब ठाकरे काफी जाने पहचाने चेहरे थे. यूपी में 1992 के बाद शिवसेना चुनाव भी लड़ने की तैयारी कर रही थी. बाला साहेब ठाकरे हिंदुओं के बड़े नेता थे. उनकी छवि सुपरस्टार की हो चुकी थी.

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सम्मान में चुनावी मैदान में नहीं उतरे 

एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में संजय राउत ने कहा कि जब शिवसेना चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी थी, तभी बाला साहेब ठाकरे के पास भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी का फोन आया. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने पर मतों का बंटवारा होगा. इससे हमें नुकसान होगा. संजय राउत ने बताया कि बाला साहेब ठाकरे ने उनसे बताया कि अटल जी का फोन आया था. हमें उनका सम्मान करना चाहिए. इसके बाद ही महाराष्ट्र से बाहर पार्टी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया. 

संजय राउत के अनुसार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित उत्तर भारत में बाला साहेब ठाकरे की लहर देखने को मिली थी. अगर चुनाव लड़ते तो उस समय 10 से 15 सांसद हमारे महाराष्ट्र से बाहर से चुनकर आते. उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र के बाहर पार्टी चेहरा नहीं खोज पाई. उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि इससे पार्टी को काफी नुकसान हुआ. हालांकि कई राज्यों में  पार्टी की इकाई काम करने में जुटी है. 

चुनाव के रिजल्ट 23 नवबंर को आएगा

आपको बता दें कि जून 2022 में शिवसेना दो फाड़ में बंट गई. अब शिवसेना की अगुवाई महाराष्ट्र   के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं. वहीं शिवसेना (यूबीटी) की कमान प्रदेश के पूर्व सीएम के साथ बाला साहेब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे के पास है. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव 2024 में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस (SP) महाविकास अघाड़ी गठबंधन के तहत चुनाव मैदान में उतरे. महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा. चुनाव के रिजल्ट 23 नवबंर को आएगा. 

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