/newsnation/media/media_files/2025/12/19/bmc-election-what-is-mamu-factor-2025-12-19-18-30-41.jpg)
BMC Election: मुंबई की राजनीति एक बार फिर बड़े बदलाव की ओर बढ़ती दिख रही है. करीब एक दशक की राजनीतिक दूरी के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव के लिए साथ आने की तैयारी में हैं. शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के बीच चल रही बातचीत से संकेत मिल रहे हैं कि आगामी बीएमसी चुनाव में ठाकरे बंधु संयुक्त मोर्चे के रूप में उतर सकते हैं.
क्या है ‘MaMu’ फैक्टर?
इस संभावित गठबंधन की रणनीति का केंद्र ‘MaMu’ फैक्टर माना जा रहा है. ‘MaMu’ का अर्थ है मराठी–मुस्लिम समीकरण. मुंबई की राजनीति में यह सामाजिक संतुलन लंबे समय से निर्णायक भूमिका निभाता रहा है. योजना के तहत मराठी बहुल इलाकों के साथ-साथ मुस्लिम प्रभाव वाले वार्डों पर भी खास ध्यान दिया जाएगा, ताकि दोनों समुदायों का संयुक्त समर्थन हासिल किया जा सके.
किन वार्डों पर रहेगा खास फोकस?
मुंबई की कुल 227 बीएमसी सीटों में से लगभग 72 वार्ड मराठी बहुल माने जाते हैं, जबकि 41 वार्डों में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. रणनीतिकारों का मानना है कि यही समीकरण 2024 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) के लिए फायदेमंद साबित हुआ था. गोवंडी, मानखुर्द, बायकुला और माहिम जैसे इलाकों में पार्टी को अल्पसंख्यक और स्थानीय समर्थन का लाभ मिला था.
सीट शेयरिंग फॉर्मूला और अड़चनें
प्रारंभिक बातचीत के अनुसार, शिवसेना (यूबीटी) 140 से 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि एमएनएस के खाते में 60 से 70 सीटें आने की संभावना है. हालांकि, सीटों का बंटवारा चार प्रमुख मराठी गढ़ों- वर्ली, दादर-माहिम, सिवरी और विक्रोली-भांडुप पर आकर अटक गया है. एमएनएस इन इलाकों में दावेदारी कर रही है, जबकि ये क्षेत्र फिलहाल उद्धव ठाकरे की पार्टी के प्रभाव वाले माने जाते हैं.
जिम्मेदारियों का बंटवारा
गठबंधन की रणनीति में भूमिकाएं भी स्पष्ट होती दिख रही हैं. उद्धव ठाकरे जहां अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधे रखने की जिम्मेदारी निभाएंगे, वहीं राज ठाकरे मराठी मतदाताओं में जोश भरने का काम करेंगे. राज ठाकरे के आक्रामक भाषणों के जरिए मराठी अस्मिता और ‘मराठी मानूस’ के मुद्दे को फिर से केंद्र में लाने की तैयारी है.
संयुक्त रैलियों से शक्ति प्रदर्शन
सूत्रों के मुताबिक, ठाकरे बंधु अपनी एकता दिखाने के लिए मुंबई में तीन संयुक्त रैलियां कर सकते हैं. इन रैलियों के जरिए यह संदेश दिया जाएगा कि बीएमसी चुनाव में मुकाबला सीधे तौर पर ‘ठाकरे बनाम महायुति’ का है. माना जा रहा है कि अगले 48 घंटों में दोनों नेताओं की अहम बैठक होगी, जिसके बाद गठबंधन और साझा चुनावी रणनीति की औपचारिक घोषणा हो सकती है.
यह भी पढ़ें - Maharashtra News: बीएमसी चुनाव से पहले वोट चोरी पर महाराष्ट्र में संग्राम, MVA ने निकाला ‘सत्य मार्च’
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us