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उद्धव और राज ठाकरे ने BMC चुनाव एक साथ लड़्ने का किया ऐलान
Thackeray brothers alliance: महाराष्ट्र में जनवरी 2026 में ब्रिहन मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव के लिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने हाथ मिलाया है.अब राजनीतिक गलियारों में सबकी जुबां पर ये सवाल है क्या यह गठबंधन टिकेगा?पहली नजर में ठाकरे भाइयों का एक साथ आना चुनाव जीतने की रणनीति मात्र लग रहा है.आइए आपको बताते हैं कि राज-उद्धव कब और क्यों अलग हुए थे.दोनों के एक साथ आने से महाराष्ट्र की राजनीति में क्या असर पड़ेगा?
BMC चुनाव में दुनियाभर की नजरें क्यों रहती हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों भाईयों ने मुंबई को बचाने के नाम पर एक साथ आने की वजह मीडिया में बताई है.लेकिन इतिहास गवाह है कि ठाकरे परिवार की सियासत में दरारें भी जल्दी आ जाती हैं.राजनीतिक विशलेषकों की मानें तो अगर राज-उद्धव का ये प्रयोग सफल रहा तो महाराष्ट्र में नई राजनीति का उदय होगा.वहीं, अगर असफल रहे तो दोनों पार्टियों का बड़ा नुकसान और उनके संगठनों में बिखराव होगा.जानकारी के अनुसार BMC दुनिया की सबसे अमीर नगर निगमों में से एक है.बताया जाता है कि इसका बजट करीब 50000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.बता दें बीमएसी में कुल 227 सीट है.
"Mayor of Mumbai will be a Marathi," says Raj Thackeray as he and cousin Uddhav announce alliance for BMC polls
— ANI Digital (@ani_digital) December 24, 2025
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राज-उद्धव ठाकरे कब और क्यों हुए थे अलग, महाराष्ट्र की राजनीति में दोनों के एक साथ आने का ये पड़ेगा असर?
जानकारी के अनुसार उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे पिछले करीब दो दशक से एक-दूसरे से अलग हैं.2006 में राज ठाकरे ने MNS का निर्माण किया था.दरअसल, राज और उद्धव ठाकरे में कई मतभेद हो गए थे.2006 के बाद एमएनएस और शिवसेना यूबीटी ने हर चुनाव में एक-दूसरे के वोट काटने का काम किया.हाल ही में महाराष्ट्र में नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव हुए थे.जिसमें महायुति ने 288 में से 215 सीटों पर जीत दर्ज कर शिवसेना (UBT) और MNS को बड़ा झटका दिया.अब जब जनवरी 2026 में बीएमसी चुनाव है तो उद्धव और राज एक साथ आकर महायुति को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
BMC चुनाव में शिवसेना (UBT) और MNS में कैसे होगी सीट-शेयरिंग?
बीएमसी चुनाव में सीट-शेयरिंग को लेकर अभी शिवसेना (UBT) और MNS ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं.लेकिन राजनीतिक जानकार ऐसा अनुमान लगा रहे हैं कि शिवसेना (UBT) 145-150 सीटें और MNS 65-70 पर चुनाव लड़ सकती है.दोनों का एक साथ आना महाराष्ट्र की राजनीति पर कई मायनों पर असर करेगा.यह मराठी वोट बैंक को मजबूत करेगा.दोनों के एक साथ आने से राज्य में हिंदुत्व की राजनीति में भी नया मोड़ आएगा.वहीं, इससे क्षेत्रीय अस्मिता का मुद्दा फिर से उभर सकता है.
FAQs
Q: उद्धव और राज ठाकरे कब और क्यों अलग हुए थे?
A: 2006 में राज ठाकरे ने उद्धव से मतभेदों के कारण शिवसेना छोड़कर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बनाईA राज शिवसेना की कमान उद्धव को देने और उनके फैसलों पर असहमत थे.
Q: BMC चुनाव में शिवसेना (UBT) और MNS की सीट-शेयरिंग कैसी होगी?
A: अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक जानकारों का अनुमान है कि शिवसेना (UBT) 145-150 सीटों पर और MNS 65-70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
Q: शिवसेना (UBT) और MNS के एक साथ आने से BMC चुनावों पर क्या असर पड़ेगा?
A: ठाकरे गठबंधन से मराठी वोट बैंक मजबूत होगा और इससे भाजपा-महायुति की मुंबई पर पकड़ कमजोर हो सकती है.
Q: क्या उद्धव-राज का यह गठबंधन टिकेगा या सिर्फ चुनावी स्टंट है?
A: यह मुख्य रूप से चुनावी रणनीति लगता है, लेकिन बाल ठाकरे की विरासत को एकजुट करने का भावनात्मक पहलू भी है.
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