/newsnation/media/post_attachments/images/2021/11/22/gyandev-wankhede-11.jpg)
ज्ञानदेव वानखेड़े और नवाब मलिक( Photo Credit : News Nation)
बांबे हाई कोर्ट से ज्ञानदेव वानखेड़े तगड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उनकी मांग को ठुकरा दिया है. उन्होंने नवाब मलिक को उनके परिवार के खिलाफ बयान देने से रोकने की मांग की थी. ज्ञानदेव वानखेड़े एंटी ड्रग्स एजेंसी एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता हैं. ज्ञानदेव वानखेड़े को आज बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा. वानखेड़े की याचिका पर अदालत ने कहा कि डिफिडेंट (नवाब मालिक ) को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार (राइट टू स्पीच) का अधिकार है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 20 दिसंबर को की जाएगी.
कोर्ट के आदेश के बाद नवाब मलिक ने ट्वीट कर खुशी जताई. उन्होंने लिखा, ''सत्यमेव जयते. अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी.''
Satyamev Jayate
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) November 22, 2021
The fight against wrongdoings will continue...
बांबे हाईकोर्ट के जस्टिस माधव जामदार ने कहा, ''वानखेड़े एक सरकारी अधिकारी हैं और मलिक द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोप एनसीबी क्षेत्रीय निदेशक के सार्वजनिक कर्तव्यों से संबंधित गतिविधियों से संबंधित थे, इसलिए मंत्री को उनके खिलाफ कोई भी बयान देने से पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता.
यह भी पढ़ें: यूपी के गोरखपुर में गरजे नड्डा, बोले- दूसरी पार्टियां वंशवाद को लेकर चलती हैं
हाई कोर्ट ने कहा कि किसी भी अधिकारी के बारे में बयान देने से पहले हर पहलू की जांच/वेरिफिकेशन की जानी चाहिए. जो आरोप नवाब मालिक द्वारा लगाए गए है, वो पूरी तरह से गलत हैं, ये कहना इस स्टेज पर सही नहीं होगा. नवाब मालिक पोस्ट कर सकते हैं. लेकिन पूरी तरह से वेरिफिकेशन/वेरीफाई के बाद ही कुछ भी पोस्ट करें.
HIGHLIGHTS
- ज्ञानदेव वानखेड़े को आज बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा
- अदालत ने कहा कि नवाब मालिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार
- नवाब मलिक ने कहा कि सत्यमेव जयते, अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी