उद्धव ठाकरे के भाषण पर सामना में सफाई, BJP-RSS पर शिवसेना का हमला
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से राजनीतिक विरोधियों पर जोरदार प्रहार किये हैं. सामना के संपादकीय में बीजेपी पर जोरदार हमला बोला गया है, तो आरएसएस की काली टोपी पर भी सवाल उठाया गया है. यही नहीं, दाऊद इब्राहीम को लेकर...
highlights
- शिवसेना को कमजोर आंकड़े की दुस्साहस पड़ेगी भारी
- मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश सफल नहीं होने देगी शिवसेना
- मुंबई रैली में उद्धव ठाकरे ने दिया बीजेपी को 'बूस्टर डोज'
मुंबई:
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से राजनीतिक विरोधियों पर जोरदार प्रहार किये हैं. सामना के संपादकीय में बीजेपी पर जोरदार हमला बोला गया है, तो आरएसएस की काली टोपी पर भी सवाल उठाया गया है. यही नहीं, दाऊद इब्राहीम को लेकर भी बात कही गई है कि अगर वो बीजेपी में शामिल हो जाता है, तो बीजेपी वाले उसे भी मंत्री बना देंगे. दरअसल, सामना में आज का संपादकीय उद्धव ठाकरे की रैली (Shiv Sena President & Maharashtra CM Uddhav Thackeray ) के इर्द-गिर्द ही बात कर रहा है और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray ) ने मंच से जो कुछ भी बोला, उस पर सफाई जैसा लग रहा है.
सामना में लिखा है, 'मुंबई में शिवसेना की शानदार सभा हुई. शिवसेना की सभाओं में जुटनेवाली भीड़ का आकलन आज तक कोई नहीं कर पाया है. बीकेसी के खुले मैदान में हुई सभा की शुरुआत बांद्रा में थी तो उसका दूसरा छोर कुर्ला के पार चला गया था. लिहाजा विरोधी पार्टी के भीड़ पंडितों की भी बोलती बंद हो गई है. सभा में भीड़ सिर्फ उसी मैदान पर नहीं थी. सभास्थल पर लाखों लोग थे. उतने ही लोग बाहर फंसे पड़े थे व आस-पास की सड़कों पर भी भीड़ की तूफानी लहर मानो उफान मार रही थी, ऐसा वर्णन प्रकाशित हुआ है जो कि सच ही है. शिवसेना पहले वाली नहीं रह गई है, ऐसा दुष्प्रचार करनेवालों की जुबान पर यह महासागर देखकर ताला लग गया है.
ये भी पढ़ें: ज्ञानवापी में तीसरे दिन सर्वे, इलाहाबाद HC में 6 याचिकाओं पर सुनवाई आज
शिवसेना (Shivsena) मतलब सदैव उबलते गर्म खूनवाली पीढ़ी ही है. पीढ़ियां बदलती गईं फिर भी उबलनेवाला गर्म खून वही है. शिवसेना के राजनीतिक विरोधियों का आकलन कम पड़ रहा है इसलिए शिवसेना के संदर्भ में उनका अनुमान रोज ही गलत साबित हो रहा है. कल की महाप्रचंड सभा ने तो सभी विरोधियों की मिट्टी पलीद कर दी. सभा की भीड़ देखकर शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे भी उत्साहित होकर बोले व उनकी एक-एक फटकार से विरोधियों के एक-एक दांत मुंह में चले गए. फडणवीस जैसे भाजपा के नेता इस सभा की तुलना ‘कटाक्ष सभा’, ‘कटाक्ष बम’ इस तरह से कर रहे थे. एक बार के लिए इसे सत्य मान लें. ठाकरे के सिर्फ ‘कटाक्ष’ ही इतने भारी होंगे तो प्रत्यक्ष घाव, प्रहार व हमला कितना भयंकर होगा? जिस तरह से कटहल छीलते हैं, उसी तरह उद्धव ठाकरे ने विरोधियों को छील डाला.
कश्मीर में फिलहाल हिंदू पंडितों पर ही नहीं, बल्कि देशभक्त नागरिकों पर आतंकियों के अमानवीय हमले शुरू हो गए हैं. राहुल भट नामक कश्मीरी पंडित युवक पर आतंकियों ने सरकारी कार्यालय में घुसकर हमला किया और कत्ल कर दिया. इसके बाद कश्मीर का हिंदू समाज सड़क पर उतर आया. पुलिस ने हिंदुओं पर आंसू गैस के गोले दागे. हिंदू समाज ने मोदी-शाह के खिलाफ नारेबाजी की. उद्धव ठाकरे ने इन हालातों को लेकर केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे, ‘राहुल भट को जहां मारा, वहां अब ‘हनुमान चालीसा’ पढ़ी जाए क्या?’ कंगना रनौत से नवनीत राणा तक सभी को केंद्र सरकार ने एकदम खास सुरक्षा उपलब्ध कराई है. महाराष्ट्र के संदर्भ में बात की जाए तो केंद्रीय सुरक्षा व्यवस्था का ‘सेल’ लगा है अथवा काला बाजार ही चल रहा है. शिवसेना, राष्ट्रवादी नेताओं के खिलाफ अनाप-शनाप बोलो व केंद्रीय सुरक्षा का खास दस्ता हासिल करो, ऐसा ‘पैकेज’ जारी किया गया है. महाराष्ट्र में कई ओछे लोगों को केंद्र द्वारा सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है, यह मजेदार ही है. परंतु कश्मीर में राहुल भट जैसे लोगों को किसी तरह की सुरक्षा नहीं है व वे दिनदहाड़े मार दिए जा रहे हैं. उद्धव ठाकरे का यह मुद्दा बेजोड़ है.
भगवा टोपी पहननेवालों को आप प्रखर हिंदुत्ववादी मानते हैं. फिर आरएसएस की टोपी काली कैसे? इस सवाल का जवाब अब संघ को देना होगा. महज 13 वर्ष के देवेंद्र फडणवीस ने राम मंदिर के आंदोलन में हिस्सा कैसे लिया? इस ढोंग का मुखौटा ही उद्धव ठाकरे ने फाड़ दिया. केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके भाजपा राजनीतिक विरोधियों को खत्म कर रही है. झूठे रास्तों से हमारे पीछे पड़ने वाले होंगे तो आपके प्रति भी दया-माया-क्षमा नहीं दिखाएंगे. महाराष्ट्र से भागने को मजबूर कर देंगे, ऐसी चेतावनी ठाकरे ने दी.
जो विरोधी हैं, वे सभी भाजपा की दृष्टि से अपराधी कैसे? फिर भाजपा में कौन लोग हैं? फिलहाल दाऊद के नाम पर राजनीति चल रही है परंतु यदि कल दाऊद कहेगा मैं ही भाजपा में आता हूं तो तुरंत ही शुद्ध हो जाएगा. वह मंत्री की हैसियत से भाजपा नेताओं के साथ सटकर बैठा तो हैरानी नहीं होनी चाहिए, ऐसा मजेदार व्यंग्य ठाकरे ने भाजपा पर किया इसलिए पूरी सभा ठहाकों से गूंज उठी. भारतीय जनता पार्टी व उनके पूर्ववर्ती पिता ‘जनसंघ’ वगैरह स्वतंत्रता संग्राम में कभी भी नहीं थे. मुंबई, महाराष्ट्र के युद्ध से भी वे पीठ दिखाकर भाग गए. ऐसे लोग शिवसेना व महाराष्ट्र को कुछ सिखाने की फेर में न पड़ें. राज ठाकरे आदि नेताओं के दिमाग में केमिकल लोचा होने की सटीक उपमा उन्होंने दी. राज ठाकरे की राजनीति भ्रमित होने जैसी हो गई है और भाजपा उनका इस्तेमाल कर रही है. खुद में बालासाहेब ठाकरे के आने जैसा भाव लाकर वे घूम रहे हैं, इसके पीछे भाजपा का खेल है. फटे हुए ट्यूब में ऐसी हवा भरने से हिंदुत्व की बयार कैसे बहाओगे? ऐसा सवाल श्री उद्धव ठाकरे ने पूछा.
देश में महंगाई, बेरोजगारी की आग भड़क रही है. मोदी अनाज मुफ्त बांट रहे हैं परंतु गैस की कीमतें हजार के पार पहुंच गई हैं इसलिए खाना पकाएं कैसे ? उस महंगाई पर बात करें या भोंगे और ‘हनुमान चालीसा’ पर लड़ें? भाजपा को कोई हिंदुत्व की ठेकेदारी नहीं मिली है. भाजपा का हिंदुत्व जहरीला, शातिर व विकृत होने का प्रहार ठाकरे करते हैं तब इसके आगे शिवसेना-भाजपा का रिश्ता क्या होगा, इसका खुलासा हो जाता है. मोदी-शाह के मामले में मुख्यमंत्री ठाकरे ने स्पष्ट भूमिका व्यक्त की और वह व्यक्त करना जरूरी था. भाजपा के नेता देशभर में औरों को जबरदस्त ‘बूस्टर’ डोज देते घूम रहे हैं, परंतु मुंबई में शिवसेना की सभा द्वारा इन लोगों को महा बूस्टर डोज देकर उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र का स्वाभिमान दिखा दिया.'
सामना (Samana) में आगे लिखा है, 'मुंबई को आजाद करने की बात बीच के दौर में फडणवीस आदि नेताओं ने की थी. शिवसेना व मराठी माणुस भाजपा की इस साजिश को सफल नहीं होने देंगे, ऐसा विश्वास मुख्यमंत्री ठाकरे ने दिलाया. शिवसेना की सभा ने राजनीतिक माहौल गरम किया, उससे ज्यादा उद्धव ठाकरे के भाषण से भाजपा-मनसेवालों का कनपटा गर्म हो गया, इसे नकार नहीं सकते. आड़े मत आओ, दिल्ली की सत्ता की धौंस मत दिखाओ, ऐसी चेतावनी देकर ठाकरे ने भाजपा व उसके प्यादों को पैरों तले दबा दिया. शिवसेना को कमजोर आंकने व नीचे खींचने का दुस्साहस भारी पड़ेगा, यही शिवसेना की तूफानी सभा के संकेत थे.'
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी