/newsnation/media/media_files/2025/03/16/cqYo3crR0GgVktBTPCOX.jpg)
Sanjay Shirsat
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद जारी है. इस बीच, सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट के बयान ने फिर से राजनीति गरमा दी है. उन्होंने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कहा कि ऐसा कोई भी इतिहास, जिससे लोगों की भावनाएं आहत होती हों उसे मिटा देना चाहिए. संजय शिरसाट ने विशेष रूप से एक कब्र के बारे में कहा कि ये सरकारी संपत्ति पर बनी हुई है. जैसे अन्य अवैध मजारों को हटाया गया है, ठीक वैसे ही अब इसे हटाया जाना चाहिए.
"नफरत की निशानी क्यों रखनी?"- संजय शिरसाट
कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट ने साफ कर दिया कि मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम संघर्ष की तरह नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं जब भी वहां से गुजरता हूं और उस कब्र को देखता हूं तो मुझे गुस्सा आता है. हमने जब प्यार की निशानियां नहीं तोड़ी हैं तो नफरत की निशानी क्यों रखनी हैं?
अमेरिका का दिया उदाहरण
अमेरिका का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब ओसामा बिन लादेन को मारा गया था तो उसकी कब्र नहीं बनाई बल्कि समुद्र में उसे फेंक दिया गया. इतिहास को बदला नहीं जा सकता है पर नकारात्मक यादों को संजोने का कोई भी मतलब नहीं है.
ये भी पढ़ें- UP: 'अकबर-औरंगजेब नहीं महाराणा प्रताप-छत्रपति शिवाजी देश के नायक हैं', गौतमबुद्ध नगर में बोले सीएम योगी
संजय राउत पर साधा निशाना
संजय शिरसाट ने शिवसेना के नेता संजय राउत पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से फूट डालो और राज करो की नीति पर ही काम किया है. संजय राउत भी अब उसी विचारधारा का समर्थन करते हैं. शिरसाट ने राउत को सलाह दी हमें उनसे कुछ भी सीखने की जरुरत नहीं है. उन्हें अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. उन्हें फालतू की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. सत्ता के लिए संजय राउत किसी के भी साथ जा सकते हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या बालासाहब ने राउत को यही सब सिखाया था.
संजय शिरसाट के बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति को गरमा दिया है. संजय शिरसाट के बयान पर विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया सामने आई है.
ये भी पढ़ें- Maharashtra Assembly: औरंगजेब की तारीफ करना विधायक को पड़ा भारी, विधानसभा सत्र से हुए निलंबित