शिवसेना की लड़ाई चुनाव आयोग पहुंची, पार्टी सिंबल को लेकर उद्धव ठाकरे ने की ये गुजारिश

हाल ही में शिंदे गुट के एक विधायक ने दावा किया था कि जब पार्टी के ज्यादातर विधायक और सांसद उनके साथ हैं तो वही असली शिवसेना है.

हाल ही में शिंदे गुट के एक विधायक ने दावा किया था कि जब पार्टी के ज्यादातर विधायक और सांसद उनके साथ हैं तो वही असली शिवसेना है.

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Vijay Shankar
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Uddhav Thackeray

Uddhav Thackeray ( Photo Credit : File)

Maharastra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार घमासान जारी है. उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने के बाद भी खींचतान जारी है. अब शिवसेना (Shiv Sena) की लड़ाई चुनाव आयोग (ECI) तक पहुंच गई है. महाराष्ट्र के पूर्व CM और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Udhav Tha) ने विरोध पत्र दाखिल किया है. इसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े ने मांग की है कि पार्टी के सिंबल धनुष-बाण को लेकर कोई भी फैसला उनके पक्ष को सुनने के बाद ही लिया जाए. गौरतलब है कि हाल ही में शिंदे गुट के एक विधायक ने दावा किया था कि जब पार्टी के ज्यादातर विधायक और सांसद उनके साथ हैं तो वही असली शिवसेना है. विधायक ने कहा था कि शिवसेना के चुनाव चिह्न पर हमारा समान अधिकार है.

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मराठी वेबसाइट लोकसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे गुट ने कैविएट में मांग की है, 'शिवसेना के धनुष-बाण चुनाव चिन्ह पर हमारा पक्ष सुने बिना कोई फैसला नहीं लिया जाए.' शिंदे गुट धनुष और बाण के इस प्रतीक का दावा कर सकता है. इसलिए कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने यह एहतियात बरती है और पहले ही चुनाव आयोग का रुख कर लिया है. इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उद्धव ठाकरे गुट को बड़ी राहत दी है. अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर आगे नहीं बढ़ने को कहा. अदालत ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को सूचित किया जाना चाहिए कि वह अदालत में सुनवाई तक अयोग्यता नोटिस पर फैसला नहीं करें.

पिछले महीने अधिकांश विधायकों ने की थी बगावत

पिछले महीने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के ज्यादातर विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी. इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया था. इन सभी विधायकों से NCP और Congress से नाता तोड़ने को कहा था. इन विधायकों के बगावत करते ही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई जिसके बाद एकनाथ शिंदे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया. एकनाथ शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जबकि भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बाद में शिंदे गुट की ओर से शिवसेना पर भी दावा किया गया है. 

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