महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो गया है. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर रख दिया था. इस पर एनसीपी के चीफ शरद पवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए उद्धव ठाकरे द्वारा आखिरी कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर रखने के फैसले पर बोलते हुए कहा कि पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे को लेकर हमसे कोई चर्चा नहीं को थी. ऐसा कोई निर्णय वो लेंगे इसकी जानकारी नहीं थी, लेकिन मुख्यमंत्री का लिया फैसला आखिरी होता है.
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शरद पवार ने कहा कि औरंगाबाद हमारे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का हिस्सा नहीं था. औरंगाबाद के लिए कुछ और या बड़ा निर्णय लिया होता तो लोगों को ज्यादा पसंद आया होता. उन्होंने बीजेपी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि लोकतंत्र को उद्धवस्त करने का काम बीजेपी कर रही है. न्यायपालिका पर हमें भरोसा है. उन्होंने कहा रि सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को विधायकों के अयोग्यता पर फैसले आने की उम्मीद है.
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शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के पतन के बाद एकनाथ शिंदे ने गत 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली. आपको बता दें कि इससे पहले शरद पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव होने की आशंका है, क्योंकि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार अगले 6 महीनों में गिर सकती है.