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संजय राउत( Photo Credit : फाइल फोटो)
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संजय राउत( Photo Credit : फाइल फोटो)
एंटीलिया मामला (Antilia Case) अब महाराष्ट्र सरकार के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है. केस में जांच की आंच सरकार तक पहुंच गई है, जिसमें सीधे तौर पर राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की कुर्सी खतरे में है. ऐसा इसलिए, क्योंकि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परमबीर सिंह ने शनिवार को 'लेटर बम' फोड़ा, जिसे बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) की गठबंधन सरकार में हलचल मच गई. 'लेटर बम' से एनसीपी (NCP) के साथ शिवसेना अपने रिश्तों पर सोचने पर मजबूर हो गई है. इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने एक ट्वीट कर बदलते सियासी समीकरण और हवा दे दी है.
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शिवसेना के सांसद संजय राउत ने रविवार सुबह शायराना अंदाज में एक ट्वीट किया है. जिसे शिवसेना और एनसीपी में टूट के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. साथ ही उनका रुख फिर से बीजेपी की ओर बदलने की अटकलें माना जा रहा है. संजय राउत ने सुबह गीतकार जावेद अख्तर की एक शायरी को ट्वीट करते हुए लिखा, 'शुभ प्रभात, हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है, हम हैं मुसाफिर ऐसे जो मंजिल से आए हैं.'
शुभ प्रभात... pic.twitter.com/lKWKS9pFkf
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) March 21, 2021
दरअसल, एंटीलिया केस में सचिन वाजे और मुंबई पुलिस के अधिकारियों के इर्द गिर्द घूमती जांच के बीच अब महाराष्ट्र सरकार इसके लपेटे में आ गई है. केस में जांच की सुई भी महाराष्ट्र सरकार तक पहुंच सकती है. इसकी वजह यह है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने शनिवार को गृहमंत्री अनिल देशमुख पर कथित रूप से आरोप लगाया कि मंत्री उनके टीम मेंबर सचिन वाजे से बार और हुक्का पार्लरों से प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये उगाहने को कहा था. मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से ट्रांसफर किए गए परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी, जिसमें यह आरोप लगाया.
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मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आठ पन्नों का पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए. परमबीर सिंह ने कहा कि अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को अपने पास बुलाया था और उनके लिए हर महीने 100 करोड़ रुपये का कलेक्शन होटल, रेस्तरां, बीयर बार व अन्य जगह से करने को कहा था. परमबीर सिंह ने यह भी दावा किया कि अनिल देशमुख ने मुंबई पुलिस की समाज सेवा शाखा के एसीपी संजय पाटील और डीसीपी भुजबल को भी इसी तरह बुलाया और उनके लिए महीने में 40 से 50 करोड़ रुपये का कलेक्शन करने को कहा.
हालांकि अब यह मुद्दा शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार की नींव को हिला सकती है. लेकिन, कोई भी वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है. गौरतलब है कि एसयूवी मामला विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो से जुड़ा है. यह स्कॉर्पियो पिछले महीने मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास मिली थी. स्कॉर्पियो ठाणे स्थित व्यवसायी मनसुख हिरन की थी. वह 5 मार्च को रहस्यमय परिस्थितियों में कार के अंदर मृत पाए गए थे.
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