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महाराष्ट्र की बेटी ने चमकाया देश का नाम, स्पेस में जाने वाले रॉकेट टीम का बनी हिस्सा

अमेरिका में अंतरिक्ष रॉकेट बनाने वाली टीम का हिस्सा बनी देश की बेटी ने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर दिया है

Updated on: 16 Jul 2021, 11:30 PM

highlights

  • अमेरिका में अंतरिक्ष रॉकेट बनाने वाली टीम का हिस्सा बनी देश की बेटी
  • संजल गावंडे ने पहले मर्करी मरीन रेसिंग कार को डिजाइन किया था
  • ब्लू ओरिजन कंपनी का यह रॉकेट 20 जुलाई को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेगा

मुंबई:

अमेरिका में अंतरिक्ष रॉकेट बनाने वाली टीम का हिस्सा बनी देश की बेटी ने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर दिया है. दरअसल, महाराष्ट्र (Maharashtra) के एक छोटे से शहर कल्याण की रहने वाली संजल गावंडे (Sanjal Gawande) ने पहले मर्करी मरीन रेसिंग कार (Mercury Marine Racing Car) को डिजाइन किया था और अब अंतरिक्ष टीम का हिस्सा बन कल्याण को नई पहचान दी है. ब्लू ओरिजन कंपनी (Blue Origin Space Company) का यह रॉकेट 20 जुलाई 2021 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेगा. इस उड़ान में संजन सिस्टम इंजीनियर के रूप में भाग लेंगी.

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पूरे कल्याण में आज संजल की प्रशंसा की जा रही है

आपको बता दें कि ब्लू ओरिजिन स्पेस कंपनी (Blue Origin Space Company)  के फाउंडर कोई और नहीं, बल्कि अमेजन के पूर्व सीईओ जेब बेजोस हैं. पूरे कल्याण में आज संजल की प्रशंसा की जा रही है. वह इससे पहले अमेरिका के मिशिगन, शिकागो, कै लिफोर्निया और सियाटेल में प्रवास कर चुकी हैं. क ल्याण के कोलसेवाड़ी परिसर के हनुमाननगर में जनमी संजल गावंडे ने स्कूली पढ़ाई मॉडल स्कूल से पूरी की. इसके बाद उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई बिड़ला कॉलेज से की. संजल ने 2011 में मुंबई विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंन जीआरआई, टोफेल जैसे टफ एग्जाम क्लियर किए. जिसके आधार पर उन्होंने मिशिगन टेक विश्वविद्यालय, यूएसएस में एमएस में एप्लाई किया.

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ब्लू ओरिजिन द्वारा न्यू शेपर्ड मिशन के लिए चुना गया

यह उनकी कड़ी मेहनत का ही फल है कि सॉफ्टवेयर हार्डवेयर की जानकार संजल को ब्लू ओरिजिन (Blue Origin Space Company) द्वारा न्यू शेपर्ड मिशन के लिए चुना गया. संजल की मां सुरेखा कहती हैं कि न्यू शेपर्ड की टीम में चुने जाने से संजल का सपना साकार हो गया. आपको बता दें कि संजल के पिता अशोक गांवडे कल्याण डोंबिवली महापालिका में कर्मचारी थे. जबकि मां सुरेखा एमटी एनएल में कार्यरत थी. संजल अपने मां-बाप की इक लौती औलाद हैं. संजल की सफलता से उसके मां- बाप बेहद खुश हैं.