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BMC Election 2026: मुंबई में होने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं. चुनावी माहौल गर्म होने से पहले ही बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. केंद्र में एनडीए का हिस्सा रही रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) ने मुंबई में गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया है. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने साफ किया है कि उनकी पार्टी बीएमसी चुनाव अपने दम पर लड़ेगी.
रामदास अठावले का बड़ा फैसला
रामदास अठावले ने बीएमसी चुनाव से खुद को अलग करने का फैसला लेते हुए कहा कि गठबंधन में रहते हुए भी आरपीआई कार्यकर्ताओं को लगातार नजरअंदाज किया गया, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ता गया. अठावले ने साफ शब्दों में कहा कि अगर सहयोगी दलों को सम्मान नहीं मिलेगा, तो साथ चलना मुश्किल हो जाता है.
सीट बंटवारे से उपजा असंतोष
अठावले ने कई शहरों का उदाहरण देते हुए कहा कि नागपुर, अमरावती और औरंगाबाद जैसे बड़े शहरों में आरपीआई को कोई अहम हिस्सेदारी नहीं मिली, नालासोपारा और कल्याण-डोम्बिवली में एक भी सीट नहीं दी गई, जबकि भिवंडी में सिर्फ एक सीट देकर औपचारिकता निभाई गई. उनका कहना है कि गठबंधन में सहयोगी दलों की राजनीतिक जमीन और कार्यकर्ताओं की भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए.
#WATCH | Mumbai | On BMC elections, Union Minister Ramdas Athawale says, "I am an MoS, I don't need any cabinet position, but my workers also need something... Because of them, I reached Delhi, got a ministerial position... There was no discussion about giving me a Cabinet post,… pic.twitter.com/m5kw5IwVmU
— ANI (@ANI) December 30, 2025
मुंबई में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान
रामदास अठावले ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी राज्य के अन्य हिस्सों में कुछ स्थानों पर सौहार्दपूर्ण मुकाबला करेगी, लेकिन मुंबई में बीजेपी और शिवसेना के साथ गठबंधन पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि आरपीआई कार्यकर्ताओं में भारी गुस्सा है और अब पार्टी अपनी ताकत स्वतंत्र रूप से दिखाएगी.
दूसरी ओर विपक्षी खेमे में नई एकजुटता
बीएमसी चुनाव से पहले विपक्षी राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) ने औपचारिक रूप से गठबंधन कर लिया है. कई दौर की बातचीत के बाद सीटों के बंटवारे पर सहमति बनी है. 227 सीटों वाली बीएमसी में कांग्रेस 165 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, जबकि VBA 62 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
कांग्रेस पहले से ही महा विकास अघाड़ी (MVA) का हिस्सा है, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी और शरद पवार गुट की एनसीपी भी शामिल हैं.
बीएमसी चुनाव में बढ़ेगी दिलचस्पी
आरपीआई के अलग होने और विपक्षी दलों के नए गठबंधन से यह साफ है कि बीएमसी चुनाव अब सीधे मुकाबले से ज्यादा बहुकोणीय संघर्ष बनने जा रहा है. बीजेपी–शिवसेना गठबंधन के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है, जबकि छोटे और मध्यम दलों को अपनी राजनीतिक ताकत आजमाने का मौका मिलेगा. आने वाले दिनों में बीएमसी चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
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