महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर का विवाद छेड़ने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "योगी मॉडल" की जमकर तारीफ की है. महाराष्ट्र में राज ठाकरे ने मस्जिदों पर लगे लाउड स्पीकर को लेकर महाविकास आघाड़ी सरकार को 3 मई तक का अल्टिमेटम दिया है.. राज ठाकरे के इस ऐलान के बाद ठाकरे सरकार से पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में लगे अवैध लाउड स्पीकर उतारने एवं लाउड स्पीकर की आवाज को कम करने का फरमान जारी किया है..
राज ठाकरे के इस भूमिका का उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वागत कर उसका पालन करने की सख्ती भी की लेकिन महाराष्ट्र में अब लाउड स्पीकर एक बड़ा राजनैतिक मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है. महाविकास आघाड़ी सरकार ने लाउड स्पीकर के विवाद को सुलझाने के लिए सर्वदलीय बैठक (all party meeting) का आयोजन किया था जिसमें राज ठाकरे की गैरहाजरी ने सभी को चौंका दिया और राज ठाकरे की लाउड स्पीकर के उद्देश्य पर सवाल उठने लगे.
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राज ठाकरे की शुरुआती दौर से ही अपनी राजनैतिक भूमिका हर बार बदलनेवाले राज ठाकरे पर राजनैतिक विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकारों ने इसपर अपनी राय रखी है. लोकमत के एसोसिएट एडिटर संदीप प्रधान बताते है कि, "राज ठाकरे को हर बार बदलने वाली भूमिका पर ज्यादा कोई फायदा नहीं होगा. राज ठाकरे ने 2 साल पहले कहां था कि देश में दंगे भड़काने की कोशिश की जा रही है और अब 2022 में उनकी भूमिका हैरान करनेवाली है.. देश में मोदीजी सब से बड़े और लोकप्रिय हिन्दूवादी नेता है लोगों ने मोदीजी के इस इमेज को बहुत ज्यादा पसंद किया है. ऐसे में कोई रीजनल पार्टी का नेता अगर उनका समर्थन करता है तो इसमें लोगों के लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है. महाराष्ट्र मे भाजपा को अगर सत्ता चाहिए तो उनके लिये NCP या शिवसेना के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है क्योंकि राज ठाकरे के पास एक ही विधायक है उनका इस्तेमाल सिर्फ वोट काटने के लिए हो सकता है सत्ता स्थापित करने के लिए नहीं."