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यरवदा जेल( Photo Credit : फाइल फोटो)
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महाराष्ट्र में छोटे-बड़े सब मिलकर कुल 60 जेल हैं जिनमें 9 सेंट्रल जेल, 31 जिला जेल, 19 ओपन जेल और 1 महिला जेल शामिल हैं. असल में कैदियों को खाने में क्या दिया जाएगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि किस राज्य की सरकार जेल पर कितना खर्च करती है.
यरवदा जेल( Photo Credit : फाइल फोटो)
किसी भी इंसान के लिए जेल जाना और वहां का खाना खाना किसी बुरे सपने से कम नहीं है, लेकिन अगर जेल में भी आपको वो खाना मीले जिसे खाने के लिए आपको दिल्ली के चांदनी चौक और मुम्बई के किसी खाऊ गल्ली में जाना पड़ता है तो फिर भला इससे अच्छी बात कैदियों के लिए क्या हो सकती है. महाराष्ट्र की जेल प्रशासन ने कैदियों के खाने के मेनू में कुछ ऐसे बदलाव किए हैं जो इससे पहले कभी नहीं हुआ. जेल प्रशासन की ओर से मेनू में किए गए बदलाव के मुताबिक अब जेल की कैंटीन के खाने में वो सब मिलेगा जो इससे पहले देश के किसी भी जेल के किसी भी कैदी को कभी नहीं मिला था. राज्य के जेलों में बंद कैदीयों के लिए अब जेल कैंटीन में पानी पूरी, समोसा, कचौड़ी, चाट मसाला उपलब्ध होगा. इतना ही नहीं कैदियों के लिए अब जेल में पॉपकॉर्न, चिक्की, पनीर और मीठे में मक्खन और आइस क्रीम भी उपलब्ध होंगी. वहीं पीने के लिए नारियल पानी और चाय के साथ केक भी मिलेगा और विशेष दिनों में कैंटीन में मटन, अंकुरित अनाज, अंडे और पनीर भुर्जी भी मिला करेंगी.
कैदियों को पहले खाने में क्या सब मिलता था
हालांकि जेल में मौजूदा समय में कैदियों को जो खाना दिया जाता है उसकी हालत दयनीय है. जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के जेलों में कैदियों को नास्ते में पोहा, उपमा और शीरा दिया जाता है वहीं दोपहर और रात को मिलने वाली थाली में रोटी, चावल, सब्ज़ी और पतली दाल मिलती है. वहीं कुछ विशेष दिनों पर कैदियों को खाने में अंडे, राजमा या करी चावल दिया जाता है. हालांकि अब महाराष्ट्र के जेलों में बंद कैदियों को पुराने मेनू के अलावा अब नया प्रीमियम खाना भी दिया जाएगा. महाराष्ट्र जेल प्रशासन ने कैदियों के लिए सिर्फ खाने- पीने में ही बदलाव नहीं किया है इसके साथ ही जेल में अब कैदियों को वो सब मिलेगा जो पहले कभी नहीं मिलता था. नए गाइडलाइंस के मुताबिक अब कैदियों की जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए उन्हें फेसवॉश, मॉइस्चराइजर, हेयर डाई और मेहंदी जैसे व्यक्तिगत चीज़ भी मिला करेंगी. कुल मिलाकर बात करें तो जेल कैंटीन में 167 नई वस्तुओं को जोड़ा गया है.
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इन राज्यों में कैदियों पर सबसे ज्यादा खर्च
महाराष्ट्र में छोटे-बड़े सब मिलकर कुल 60 जेल हैं जिनमें 9 सेंट्रल जेल, 31 जिला जेल, 19 ओपन जेल और 1 महिला जेल शामिल हैं. असल में कैदियों को खाने में क्या दिया जाएगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि किस राज्य की सरकार जेल पर कितना खर्च करती है. NCRB (National Crimes Record Bureau) के आंकड़ों के मुताबिक, देश की राज्य सरकारें एक कैदी पर औसतन 53 रुपये खर्च करती है जिसमें कैदियों को नास्ता, लंच और रात का खाना दिया जाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार नागालैंड और जम्मू कश्मीर ये भारत के 2 ऐसे राज्य हैं जो कैदियों पर सबसे ज्यादा खर्च करते हैं जबकि दिल्ली, महाराष्ट्र, गोवा ये तीन ऐसे राज्य हैं जहां कैदियों पर सबसे कम खर्च किया जाता है. हालांकि अब महाराष्ट्र जेल प्रशासन ने कैदियों के लिए जो नए फैसले लिए हैं उनके लागू होने के बाद जेल में बंद कैदियों के हालात और किस्मत दोनों बदलने वाली है.
Source : Pankaj R Mishra