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मुंबई से हुई नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल की धमाकेदार शुरुआत
Nalanda Literature Festival: बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर नालंदा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल की मुंबई में धमाकेदार शुरुआत हुई. इस आयोजन ने बिहार की सांस्कृतिक पहचान को मायानगरी की चमक-धमक से जोड़ते हुए एक नया आयाम दिया. इस फेस्टिवल की औपचारिक घोषणा पटना में हुई थी, जबकि मुंबई में इसकी ऑफिशियल वेबसाइट लॉन्च की गई.
कार्यक्रम में शामिल हुए अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा
इस कार्यक्रम में फिल्म अभिनेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल हुए. बता दें कि हाल ही में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लिखा था—“Once a friend, always a friend indeed!!!”.
इसी पोस्ट को लेकर न्यूज़ नेशन संवाददाता पंकज मिश्रा ने जब सवाल किया कि, क्या यह इशारा है कि आप बीजेपी में वापसी कर सकते हैं? तो शत्रुघ्न सिन्हा ने कोई सीधी सफ़ाई नहीं दी. उन्होंने अपने फ़िल्मी अंदाज़ में बस इतना कहा, “खामोश”. उनका यह छोटा सा जवाब अब सियासी गलियारों में बड़े सस्पेंस की वजह बन गया है.
देश में चल रहे भाषा विवाद पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, “मातृभाषा संस्कार के लिए होती है, राष्ट्रभाषा व्यवहार के लिए और विदेशी भाषा व्यापार के लिए आवश्यक है. अगर Gen Z को आगे बढ़ना है तो उन्हें ऐसी भाषा का ज्ञान होना चाहिए जिससे वे पूरे देश में संवाद कर सकें.”
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वहीं नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल को लेकर बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बिहार की धरती ने हमेशा भारत को दिशा दी है और नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है. नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल की वेबसाइट लॉन्च करते हुए उन्होंने अपने अंदाज़ में कहा, “चलो बुलावा आया है, नालंदा ने बुलाया है.”
बिहार से जुड़े सितारों की मौजूदगी
नालंदा फेस्टिवल की रौनक तब और बढ़ गई जब बिहार से जुड़े नामचीन कलाकार भी मंच पर पहुंचे. रामायण और लगान जैसी फिल्मों से पहचान बनाने वाले अखिलेंद्र मिश्रा ने अपनी मौजूदगी से माहौल को खास बनाया. वहीं गायक कैलाश खेर, अभिनेता सुधांशु पांडे, कलाकार विनीत कुमार और लेखक रूमी जाफ़री और फ़िल्म निर्माता अशोक पंडित जैसे सितारों ने भी फेस्टिवल को यादगार बना दिया.
इस मौके पर इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IMPPA) के प्रेज़िडेंट अभय सिन्हा भी मौजूद थे. कार्यक्रम में पहुंची इन हस्तियों से साफ़ झलकता है कि विश्व की सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा के इतिहास को भारत के युवाओं से जोड़ने की कोशिश में फ़िल्मी जगत भी पीछे नहीं है.
रोबोट और डिजिटल टेक्नोलॉजी से “Gen Z” तक पहुंचेगी नालंदा की कहानी
कार्यक्रम की चेयरपर्सन डी. आलिया ने बताया कि नालंदा की कहानी और उसका गौरवशाली इतिहास ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए AI और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का सहारा लिया जा रहा है. युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिए बेहद आधुनिक रोबोट्स का इस्तेमाल किया जाएगा, जिन्हें फ्रांस के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है. ये रोबोट इतने एडवांस होंगे कि न सिर्फ नालंदा का इतिहास सुनाएंगे बल्कि आप उनसे सवाल-जवाब भी कर पाएंगे. यानी सीधे संवाद करके नालंदा की धरोहर को करीब से जान सकेंगे.
संस्कृति और राजनीति का संगम
फेस्टिवल के डायरेक्टर और आईएएस अधिकारी गंगाकुमार ने न्यूज़ नेशन से कहा, “आज की डिजिटल एज में हमें भाषा और संस्कृति को नए अंदाज़ में पेश करना होगा. हमारी कोशिश है कि Gen Z को नालंदा की गौरवशाली विरासत से जोड़ें.” मुंबई से शुरुआत के बाद यह फेस्टिवल देश के अन्य हिस्सों में भी आयोजित होगा ताकि नालंदा की अकादमिक और सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया तक पहुंचाया जा सके.
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