Mumbai Rainfall Potholes: माया नगरी मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है. यहां जिंदगी हमेशा रफ्तार से चलती है, लेकिन बरसात का मौसम आते ही यही मुंबई ठहर सी जाती है. तेज बारिश के बाद जहां रेल ट्रैक पर पानी भर जाता है, वहीं सड़कों की हालत सबसे ज्यादा खराब हो जाती है. जगह-जगह बने गड्ढों ने आम लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं.
इन इलाकों में हालात सबसे खराब
कल्याण, डोंबिवली, बैल बाजार और दुर्गाड़ी चौक जैसे इलाकों में हालात सबसे खराब हैं. दुर्गाड़ी चौक पर तो पूरा रोड गड्ढों से पट चुका है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं, लेकिन ट्रैफिक रेंग-रेंग कर चल रहा है. दो-तीन दिन से बारिश थमी हुई है, बावजूद इसके गड्ढों की मरम्मत नहीं की गई.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
कल्याण शहर से अहिल्या नगर को जोड़ने वाले पुल की हालत भी बेहद खराब है. करीब एक किलोमीटर लंबे इस ब्रिज पर हर कुछ मीटर की दूरी पर गड्ढे नजर आ जाते हैं. आने वाले गणपति उत्सव में इसी पुल से हजारों गाड़ियां गुजरेंगी, जिससे हादसों का खतरा और बढ़ जाएगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि इन गड्ढों से गुजरते समय वाहन चालक और यात्री कमर दर्द जैसी दिक्कतों से भी जूझ रहे हैं.
कल्याण महानगर पालिका हर साल गड्ढे भरने के लिए करोड़ों रुपए का बजट तय करती है. इस साल करीब ₹27 करोड़ मंजूर किए गए हैं. इसके बावजूद सड़कों पर गड्ढे जस के तस हैं. विपक्ष ने सवाल उठाया है कि जब गड्ढे भरे ही नहीं गए तो यह पैसा आखिर गया कहां? यही वजह है कि अब विपक्षी दल नगर पालिका और राज्य सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
रेती बंदर इलाके में तो हालात और भी खराब हैं. यहां बरसात के दौरान पानी पहली मंजिल तक भर गया था. अब पानी उतरने के बाद बड़े-बड़े गड्ढों ने स्थानीय बस्तीवासियों का जीवन मुश्किल कर दिया है.
मुंबई के चांदीबली इलाके में भी गड्ढों को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. यहां एमएलएस कार्यकर्ताओं ने हाथ और पैर पर नकली प्लास्टर लगाकर प्रदर्शन किया और पूछा कि मुंबईकर कब तक गड्ढों में गिरकर चोटिल होते रहेंगे.
बरसात खत्म होते ही गणपति उत्सव की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों की सबसे बड़ी चिंता यही है कि अगर जल्द से जल्द इन गड्ढों की मरम्मत नहीं हुई, तो त्योहार के दौरान भारी आवाजाही में हादसों का खतरा और बढ़ जाएगा.