Pune Land Deal: ‘पूरा मामला गंभीर, जांच के नतीजे जनता के सामने आने चाहिए’, पुणे जमीन डील विवाद पर बोले शरद पवार

पुणे जमीन सौदे के विवाद पर शरद पवार ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मामला गंभीर है और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. उन्होंने मांग की कि जांच के नतीजे जनता के सामने रखे जाएं ताकि सच्चाई स्पष्ट हो सके.

पुणे जमीन सौदे के विवाद पर शरद पवार ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मामला गंभीर है और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. उन्होंने मांग की कि जांच के नतीजे जनता के सामने रखे जाएं ताकि सच्चाई स्पष्ट हो सके.

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Deepak Kumar
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Maharashtra News:पुणे में जमीन सौदे को लेकर मचे राजनीतिक हंगामे के बीच एनसीपी (शरदचंद्र पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है. उन्होंने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. पवार ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि मामला गंभीर है, इसलिए उन्हें जांच कराकर पूरी सच्चाई जनता के सामने रखनी चाहिए.’

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यह विवाद तब शुरू हुआ जब एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार पर पुणे में सरकारी जमीन को बेहद कम दाम पर खरीदने के आरोप लगे. रिपोर्टों के मुताबिक, करीब 43 एकड़ सरकारी जमीन जिसकी वास्तविक कीमत 1800 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है, उसे केवल 300 करोड़ रुपये में खरीदा गया.

सरकारी जमीन पर विवादित सौदा

बताया जा रहा है कि यह जमीन ऐसी है, जिसे सरकारी अनुमति के बिना बेचा नहीं जा सकता. इतना ही नहीं, जमीन की रजिस्ट्री के सिर्फ दो दिन बाद ही स्टांप ड्यूटी माफ करने का आदेश जारी किया गया और कंपनी ने केवल 500 रुपये की स्टांप ड्यूटी जमा की. इससे प्रशासनिक स्तर पर अनियमितताओं के आरोप और गहरे हो गए हैं.

शरद पवार ने अपने बयान में यह भी कहा कि उनके परिवार के राजनीतिक मतभेद जरूर हैं, लेकिन व्यक्तिगत रिश्तों में कोई खटास नहीं है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पोते ने अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था और अजित की पत्नी ने सुप्रिया सुले के खिलाफ, लेकिन यह सब केवल राजनीतिक प्रतिस्पर्धा थी.

विपक्ष का हमला और सरकार की सफाई

इस सौदे से जुड़े दो केस दर्ज किए गए हैं, लेकिन पार्थ पवार का नाम इनमें शामिल नहीं है. विपक्षी दलों- कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद गुट) ने सवाल उठाए हैं कि पार्थ का नाम क्यों छोड़ा गया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे को ‘जमीन चोरी’ और ‘वोट चोरी’ से जोड़ते हुए सरकार पर निशाना साधा.

वहीं, अजित पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सफाई दी कि पार्थ और उनके पार्टनर दिग्विजय पाटिल को यह नहीं पता था कि जमीन सरकारी है. उन्होंने कहा कि ‘न कोई भुगतान हुआ और न कब्जा लिया गया, इसलिए सौदा अधूरा है. जांच में सच सामने आ जाएगा.’

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