पुणे पोर्श कार हादसे में पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, CCTV में कैद है पूरी घटना

पुणे पोर्श कार दुर्घटना में कई चौंकाने वाले खुलासे के बाद अब पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इस पूरे मामले में रिश्वत के खेल का भी पर्दाफाश किया है. पुलिस ने रिश्वत के लेन-देन से जुड़े CCTV फुटेज जब्त कर लिए हैं.

पुणे पोर्श कार दुर्घटना में कई चौंकाने वाले खुलासे के बाद अब पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इस पूरे मामले में रिश्वत के खेल का भी पर्दाफाश किया है. पुलिस ने रिश्वत के लेन-देन से जुड़े CCTV फुटेज जब्त कर लिए हैं.

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Ritu Sharma
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Pune Porsche Accident

पुणे दुर्घटना( Photo Credit : News Nation )

Pune Porsche Accident Case: पुणे में हुए पोर्शे कार एक्सीडेंट के बाद नाबालिग को ससून अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका ब्लड टेस्ट किया गया. जांच में खुलासा हुआ कि नाबालिग को एक ऐसे कमरे में ले जाया गया जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं थे और वहीं उसका ब्लड सैंपल लिया गया. डॉक्टर अजय तावरे के निर्देश पर डॉक्टर हरणोल और सुरक्षा रक्षक घटक कांबले ने नाबालिग के ब्लड सैंपल की अदला-बदली कर दी और नाबालिग की मां शिवानी अग्रवाल का ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा गया.

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ब्लड सैंपल की अदला-बदली की साजिश

जांच में यह भी पता चला कि इस अदला-बदली के लिए डॉक्टर अजय तावरे और विशाल अग्रवाल के बीच 20 लाख रुपये की डील हुई थी. इसमें से 4 लाख रुपये कैश में दिए गए, जिसमें ढाई लाख रुपये डॉक्टर हरणोल को और 50 हजार रुपये सुरक्षा रक्षक घटक कांबले को दिए गए. यह पैसे पहुंचाने का काम मकानदार और उसके साथीदार ने किया. जब डॉक्टर हरणोल को पैसे दिए गए, उस समय विशाल अग्रवाल और उसका पूरा परिवार पहले ही गिरफ्तार हो चुका था. इस स्थिति में यह सवाल उठता है कि पैसे किसने निकाले और उन्हें पहुंचाया.

पुलिस की जांच और अनसुलझे सवाल

आपको बता दें कि एक अधिकारी ने बताया कि चार लाख रुपये निकालने की बात सामने आई है, जिसमें से 3 लाख रुपये डॉक्टर हरणोल और सुरक्षा रक्षक अतुल घटकामुले को दिए गए थे. बाकी के बचे एक लाख रुपये किसे दिए गए इसका जवाब अब तक नहीं मिल पाया है. इस वजह से पुलिस को संदेह है कि इस पूरे मामले के पीछे कोई और मास्टरमाइंड हो सकता है जो अभी तक पर्दे के पीछे है.

किशोर न्याय बोर्ड की कार्रवाई

वहीं किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने पिछले महीने पुणे में कार दुर्घटना में दो आईटी इंजीनियरों की मौत के मामले में कथित तौर पर शामिल 17 वर्षीय किशोर की निगरानी गृह हिरासत को 25 जून तक बढ़ा दिया है. यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि पुलिस को पूरी जांच करने के लिए और समय मिल सके.

मामले की गंभीरता और सामाजिक प्रभाव

इसके अलावा आपको बता दें कि इस पूरे मामले ने न केवल पुणे बल्कि पूरे देश में सनसनी फैला दी है. यह घटना बताती है कि कैसे पैसे और प्रभाव का गलत इस्तेमाल करके न्याय प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सकता है. नाबालिग के ब्लड सैंपल में की गई धांधली ने न केवल न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि समाज में नैतिकता और ईमानदारी की स्थिति पर भी गंभीर चिंतन की आवश्यकता है.

पुलिस की कार्रवाई 

वहीं आपको बता दें कि पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और सभी संबंधित पक्षों से पूछताछ कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. जिन लोगों ने इस धांधली में हिस्सा लिया है, उन सभी को सख्त सजा दिलाने की दिशा में काम हो रहा है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस पूरे मामले के पीछे कोई और शक्तिशाली व्यक्ति या समूह तो नहीं है, जो पर्दे के पीछे से इस साजिश को अंजाम दे रहा हो.

HIGHLIGHTS

  • पुणे पोर्श कार हादसे में अब एक और बड़ा खुलासा
  • जेजेबी परिसर में हुई थी सैंपल बदलने की डील
  • बिचौलिए ने अस्पताल कर्मचारी को दिए थे पैसे

Source : News Nation Bureau

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