Maharashtra: 11 एकड़ फसल बारिश में बर्बाद हुई, मुआवजा मिला 2.30 रूपये, किसान ने कहा- ये क्या मजाक है

Maharashtra: महाराष्ट्र के एक किसान को मुआवजे के 2.30 रुपये मिले हैं. किसान के पास कुल 11 एकड़ जमीन है, जिसमें लगी फसल बिन मौसम बरसात के वजह से खराब हो गई थी.

Maharashtra: महाराष्ट्र के एक किसान को मुआवजे के 2.30 रुपये मिले हैं. किसान के पास कुल 11 एकड़ जमीन है, जिसमें लगी फसल बिन मौसम बरसात के वजह से खराब हो गई थी.

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Jalaj Kumar Mishra
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Farmers File 2

(Freepik)

Maharashtra: महाराष्ट्र के एक किसान ने दावा किया है कि बिन मौसम बरसात से उसकी फसलों को नुकसान हुआ है. किसान ने दावा किया है कि इस नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार की ओर से उसे सिर्फ 2.30 रुपये का मुआवजा मिला है. किसान पालघर जिले के रहने वाले हैं. उनका नाम- बाबूराव पाटिल है. वे वाडा तालुका के शिलोत्तर गांव के रहवासी हैं. उन्होंने खेतों को हुए भारी नुकसान के लिए मुआवजे की मांग करते हुए एक आवेदन जमा किया है. 

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जानें अब क्या बोले पाटिल

पाटिल ने कहा कि बारिश ने धान की फसल को बुरी तरह से प्रभावित किया है. इससे फसल पानी में डूब गई और सड़ गई. पुआल भी काला पड़ गया है. इससे जानवरों को चारे की कमी हो गई है. इतने नुकसान के बाद भी मेरे बैंक खाते में सिर्फ 2.30 रूपये ही मिले हैं, ये देखकर मुझे सच में हैरानी हुई है. पाटिल ने कहा कि मेरे, मेरी पत्नी और मेरी बेटियों के नाम पर 11 एकड़ जमीन है. 

उद्धव ठाकरे ने की ये मांग

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी इस मुद्दे को उठाया उन्होंने कहा कि पालघर के किसानों को फसल बीमा के मुआवजे के रूप में सिर्फ 2 रुपये और कुछ मिले हैं. ये मजाक है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री से केंद्रीय सहायता के लिए प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था लेकिन मुझे लगता नहीं है कि ऐसा हुआ है. राज्य सरकार को तुरंत ऋणमाफी का ऐलान करना चाहिए.  नुकसान की भरपाई करने के लिए सरकार को किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये देना चाहिए. 

महायुति ने ऋणमाफी का किया था वादा

बता दें, सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने चुनाव से पहले वादा किया था कि सरकार बनने पर वे किसानों का ऋण माफ कर देंगे. इस पर जब सवाल किया गया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके प्रमुख आर्थिक सलाहकार प्रवीण परदेशी के नेतृत्व में एक हाईलेवल समिति का गठन हुआ है. 2026 के पहले सप्ताह में समिति एक रिपोर्ट पेश करेगी कि ऋणमाफी कैसै लागू की जाए. इसके बाद 30 जून 2026 तक इस पर फैसला लिया जाएगा.

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