Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार प्रसार जारी है. इस बीच रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी का संकल्प पत्र जारी कर दिया. बीजेपी ने अपने इस संकल्प पत्र में राज्य की जनता से कई वादे किए हैं. इसमें किसानों का कर्ज माफ करने समेत महिलाओं को प्रति माह 2100 रुपये देने की बात कही गई है. इसके अलावा राज्य में 25 लाख नौकरियां और किसानों के लिए भावांतर योजना का वादा किया गया है.
युवाओं से लेकर महिलाओं और किसान पर फोकस
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से रविवार को जारी किए गए संकल्प पत्र में पार्टी ने युवाओं, महिलाओं और किसानों पर विशेष फोकस किया है. जिसमें बीजेपी ने किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया है, इसके साथ ही राज्य के किसानों के लिए भावांतर योजना लागू करने का भा ऐलान किया है. इसके अलावा राज्य के युवाओं को 25 लाख नई नौकरियां देने का भी वादा किया गया है. बीजेपी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में राज्य में स्किल सेंटर्स खोलने की बात कही है. साथ ही वृद्धा पेंशन की राशि 2100 रुपये प्रतिमाह करने का वादा किया है.
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'अघाड़ी की सभी योजनाएं तुष्टिकरण की'
बीजेपी का संकल्प पत्र जारी करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, आज चुनाव में हमारा मुकाबला अघाड़ी से है, मैं निश्चित रूप से कहना चाहता हूं कि अघाड़ी की सारी योजनाएं, सत्ता के लालच में तुष्टिकरण की है और विकार धाराओं का अपमान करने वाली है और महाराष्ट्र की संस्कृति से छलकर कर केवल सत्ता प्राप्ति के लिए आगे बढ़ने वाली विचारधारा है. शाह ने आगे कहा कि, बीजेपी का संकल्प पत्र आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है. उन्होंने कहा कि, 'मैं उद्धव ठाकरे से पूछना चाहता हूं क्या वह कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से वीर सावरकर के लिए दो अच्छे शब्द बोलने को कह सकते हैं.
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महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान
बता दें कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा. जबकि चुनावी नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में 105 सीटें जीती थीं, जबकि शिवसेना को 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. लेकिन चुनावी नतीजों के बाद शिवसेना एनडीए से अलग हो गई.
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उसके बाद शिवसेना ने एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन गए थे. हालांकि जून 2022 में शिवसेना के कई विधायक बागी हो गए. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ कर बीजेपी के समर्थन से सरकार बना ली और खुद मुख्यमंत्री बन गए.