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MVA Tense over Ulema Board Support Letter
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड महाराष्ट्र और महाविकास अघाड़ी के बीच हुए एक समझौते का पत्र वायरल हो रहा है. उलेमा बोर्ड के समर्थन पत्र के वायरल होने के बाद से महाविकास अघाड़ी के नेता खुद असहज हो गए हैं. इस पत्र से साफ हो गया कि महाराष्ट्र के मुस्लिम संगठन खुलकर महाविकास अघाड़ी का समर्थन कर रहे हैं.
पत्र में उलमा बोर्ड ने क्या लिखा?
महाराष्ट्र के ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने सात अक्टूबर को एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने दावा किया था वे महाराष्ट्र के सक्रिय उलेमाओं का संगठन है. 2023 में बोर्ड ने कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के साथ बैठक की थी. बोर्ड ने लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने की बात की थी, जिस वजह से महाराष्ट्र में कांग्रेस सहित महाविकास अघाड़ी ने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया.
All India Ulema Board sent a letter with their 17 demands to the Maha Vinaash Aghadi, comprising of UBT (SS), Sharad Pawar ( NCP) and Nana Patole of the Congress, in lieu of their support.
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 10, 2024
Sharad Pawar’s NCP has promptly responded, accepting their demands. But a look at the… pic.twitter.com/0Jpp0IoD9P
उलमा बोर्ड ने रखी अपनी 17 मांगें
पत्र में मुस्लिम संगठन ने कहा कि हम विधानसभा चुनाव में भी महाविकास अघाड़ी को समर्थन देंगे. राज्य में अगर विपक्षी गठबंधन की सरकार आती है तो हमारी इन मांगों को पूरा किया जाए. उलेमा बोर्ड की यह 17 मांगे काफी ज्यादा वायरल हो रहे हैं. खास बात है कि पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और रांकपा (एससीपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के हस्ताक्षर हैं. पत्र में दोनों नेताओं ने विधानसभा चुनाव में उनके दल का समर्थन करने के लिए उलेमा बोर्ड को धन्यवाद दिया है. कांग्रेस और एनसीपी अध्यक्ष ने उलेमा संगठन को आश्वासन दिया है कि सरकार बनने पर वे उनकी मांगों को पूरा करेंगे. अब यह पत्र वायरल हो गया है, जिस वजह से दोनों दलों के नेता चुप हो गए हैं.
शिवसेना यूबीटी ने साधी चुप्पी
उलेमा बोर्ड के पत्र के बारे में शिवसेना ने अब तक शांति बनाए रखी है. हालांकि, हाल में शिवसेना प्रत्याशी सुनील प्रभु ने मुंबई के मौलानाओं के साथ बैठक की थी, जिसकी वीडियो वायरल हुई थी. इसके बाद वे सफाई देते हुए घूम रहे थे. पूरे मामले में अब एक चीज तो साफ हो गया है कि महाराष्ट्र के मुस्लिम संगठन खुले रूप से महाविकास अघाड़ी का समर्थन कर रहे हैं.