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Maharashtra Earthquake: भूकंप के तेज झटकों से कांपा महाराष्ट्र, 10 मिनट में दो बार हिली धरती

Maharashtra Earthquake: देश के दो राज्यों में गुरुवार सुबह चार बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. देर रात जहां अरुणाचल प्रदेश में दो बार भूकंप आया तो वहीं सुबह-सुबह महाराष्ट्र में दो धरती कांपी.

Updated on: 21 Mar 2024, 08:06 AM

highlights

  • अरुणाचल के बाद महाराष्ट्र में हिली धरती
  • हिंगोली में सुबह-सुबह दो बार आया भूकंप
  • 10 मिनट के अंदर 2 बार कांपी धरती

नई दिल्ली:

Maharashtra Earthquake: अरुणाचल प्रदेश के बाद अब महाराष्ट्र में भी भूकंप के तेज झटके आने की खबर है. बताया जा रहा है कि आज यानी गुरुवार सुबह महाराष्ट्क के हिंगोली में 10 मिनट के भीतर दो बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. पहला भूकंप सुबह 6.08 बजे आया. जबकि दूसरा भूकंप 6 बजकर 19 मिनट पर आया. कुछ ही देर के अंतर पर दो बार आए भूकंप से लोग बुरी तरह से सहम गए और अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए. अभी तक इस भूकंप से किसी भी तरह के जान या माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है.

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कितनी थी भूकंप की तीव्रता

गुरुवार सुबह 6.08 बजे महाराष्ट्र के हिंगोली में भूकंप का पहला झटका आया. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.5 मापी गई. भूकंप का केंद्र जमीन की 10 किलोमीटर नीचे था. जबकि दूसरा भूकंप सुबह 6.16 बजे आया. इस भूकंप की तीव्रता 3.6 दर्ज की गई. इस भूकंप का केंद्र भी जमीन के 10 किमी नीचे दर्ज किया गया. इन दोनों भूकंप से अभी तक किसी भी प्रकार के जान या माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है. हालांकि धरती हिलने की वजह से लोग डरे हुए हैं और अभी भी अपने घरों में जाने से डर रहे हैं.

क्यों आते हैं भूकंप

दरअसल, धरती मिट्टी की चार परतों से मिलकर बनी है. इन चारों परतों को प्लेट कहा जाता है. इनमें इनर कोर, आउटर कोर, मैंटल और क्रस्ट और ऊपरी मैंटल कोर के रूप में जाना जाता है. इन परतों की मोटाई 50 किमी तक होती है. जो कई भागों में बंटी होती हैं. इन्हें टैकटॉनिक प्लेट्स के नाम से जाना जाता है. पृथ्वी के अंदर मौजूद सात प्लेटें लगातार अपने स्थान से खिसकती रहती हैं.

इस दौरान कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती है. प्लेटों के टकराने से ऊर्जा पैदा होती है, जब इस ऊर्जा को धरती के बाहर निकलने के लिए जगह नहीं मिलती तो धरती हिलने लगती है. इससे भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. वहीं भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल होती है. इसी स्थान पर भूकंप का कंपन सबसे ज्यादा होता है.

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