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महाराष्ट्रः पुणे में ब्लैक फंगस के 300 मरीज, दवाओं की भारी कमी- डिप्टी सीएम

अजीत पवार ने आज एक मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि पुणे में ब्लैक फंगस के 300 से अधिक मामले हैं और इंजेक्शन काफी कम हैं. उन्होंने कहा कि यदि 300 रोगी हैं, तो एक दिन में लगभग 1800 इंजेक्शन की आवश्यकता होती है और वह आवश्यक संख्या में उपलब्ध नहीं है.

Updated on: 21 May 2021, 04:00 PM

highlights

  • पुणे में ब्लैक फंगस के 300 से अधिक मामले
  • राज्य में 2 हजार से अधिक केस दर्ज किए जा चुके
  • ब्लैक फंगस से राज्य में 90 मरीजों की जान जा चुकी है

नई दिल्ली:

देश में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ने लगी है, लेकिन इस बीच एक और भयानक बीमारी दबे पांव अपना विस्तार कर रही है. इस बीमारी का नाम है ब्लैक फंगस (Black Fungus). ब्लैक फंगस बड़ी तेजी के साथ देश में फैल रहा है. महाराष्ट्र में इस बीमारी का दायरा काफी तेजी के साथ बढ़ रहा है. इस बीच महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार (Deputy CM Ajit Pawar) ने बताया कि पुणे में ब्लैक फंगस के 300 से अधिक मामले हैं. उन्होंने बताया कि इनमें अन्य जिलों के मरीज भी काफी हैं. उन्होंने दवाओं की काफी कमी बताई.

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अजीत पवार (Ajit Pawar) ने आज एक मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि पुणे में ब्लैक फंगस के 300 से अधिक मामले हैं और इंजेक्शन काफी कम हैं. उन्होंने कहा कि यदि 300 रोगी हैं, तो एक दिन में लगभग 1800 इंजेक्शन की आवश्यकता होती है और वह आवश्यक संख्या में उपलब्ध नहीं है. उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम के साथ बैठक में हमारे स्वास्थ्य मंत्री ने मांग की कि राज्यों को आवश्यक संख्या में इंजेक्शन दिए जाने चाहिए. 

उन्होंने कहा कि हमने इंजेक्शन के निर्माताओं से भी बात की और उन्होंने हमें बताया कि वे केंद्र को सारी दवाएं देंगे और केंद्र द्वारा जो राज्यों को आवंटन किया जाएगा उतना ही हिस्सा राज्यों को दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बीमारी वाले व्यक्ति को एक दिन में 6 इंजेक्शन दिए जाने की आवश्यकता है. अजीत पवार ने कहा कि हमने महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना में इसके उपचार को शामिल करने का निर्णय लिया है.

इंजेक्शन की किल्लत बड़ी चुनौती

उप-मुख्यमंत्री से पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी इंजेक्शन की कमी को लेकर अपनी चिंता जता चुके हैं. उन्होंने ने कहा था कि अब तक राज्य में ब्लैक फंगस की वजह से 90 लोगों की मौत हो चुकी है और 1500 लोग इस बीमारी की चपेट में हैं. ये आंकड़ा आने वाले दिनों में और तेजी से बढ़ने की आशंका है.

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बता दें कि राज्य में अब तक इस बीमारी के करीब 2 हजार से अधिक केस दर्ज किए जा चुके हैं जबिक 90 मरीजों की जान जा चुकी है. इस बीच बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं की कीमतों को कम करने की बात कही है और साथ ही संक्रमण के इलाज के लिए जरूरी दवाओं के उत्पादन और वितरण को भी नियमित करने को कहा है.