महाराष्ट्र के इस आदिवासी इलाके में न ऑक्सीजन की कमी और न बेड की दिक्कत
नांदुरबार जिले में 1,289 बेड्स, कोविड केयर सेंटरों में 1,117 बेड्स और ग्रामीण अस्पतालों में 5620 बेड्स उपलब्ध है. इसके अलावा पीएचसी, स्कूलों, हॉस्टलों, सोसाइटियों और मंदिरों तक में बेड्स मुहैया करा दिए गए हैं.
नई दिल्ली:
पूरे देश में महामारी कोरोनावायर का प्रकोप जारी है. हर तरफ दवाई, अस्पताल और ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र से एक सकरात्मक खबर सामने आई है. यहां के पिछड़े और आदिवासी बहुल नांदुरबार जिले ने अपने बल पर महामारी से निपटने के लिए लड़ाई शुरू कर दी है. एक तरफ जहां बड़े-बड़े शहरों में हॉस्पिटल में बेड्स की किल्लत है. वहीं नांदुरबार जिले में 1,289 बेड्स, कोविड केयर सेंटरों में 1,117 बेड्स और ग्रामीण अस्पतालों में 5620 बेड्स उपलब्ध है. इसके अलावा पीएचसी, स्कूलों, हॉस्टलों, सोसाइटियों और मंदिरों तक में बेड्स मुहैया करा दिए गए हैं. इसके साथ ही 7,000 से ज्यादा आइसोलेशन बेड्स और 1,300 आईसीयू बेड्स भी मौजूद हैं.
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2013 बैच के आईएएस अधिकारी और मुंबई के केईएम अस्पताल से एमबीबीएस करने वाले डॉ. राजेंद्र भरुड ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के खतरे को देखते हुए दिसंबर से ही स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी थी. नांदुरबार में पिछले साल औसतन 190 कोविड मरीज रोज मिलते थे, जो अब 1,200 तक पहुंच गए हैं. यह डॉ. भरुड की कोशिशों का ही नतीजा है कि कोरोना महामारी शुरू होते समय रोज नांदुरबार में 15-20 RTPCR टेस्ट की क्षमता अब करीब 100 गुनी होकर 1,500 तक पहुंच गई. उन्होंने जिला विकास निधि और एसडीआरएफ के फंड से 3 ऑक्सीजन प्लांट लगवा दिए, जहां 3,000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन तैयार हो रही है. ऑक्सिजन बनाने के लिए लिक्विड टैंक लगाने का भी काम चल रहा है. कोविड मरीजों के लिए पिछले 3 महीने में 27 एंबुलेंस की खरीदी गई.
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को फैसला किया कि महाराष्ट्र में 1 मई से शुरू हो रहे टीकाकरण अभियान में 18 -44 साल के लोगों को मुफ्त वैक्सीन की खुराक देगा. यह निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मीडिया को इसकी जानकारी दी. ठाकरे ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो आयात सहित विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध खुराक की आपूर्ति के आधार पर नागरिकों को एक मई से होने वाले मेगा-टीकाकरण अभियान की सूचना दी जाएगी.
ठाकरे ने कहा, "राज्य में वित्तीय संकट के बावजूद लोगों का स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है, इसीलिए राज्य सरकार ने 18-44 आयु वर्ग के बीच सभी को मुफ्त टीकाकरण देने का फैसला किया है." टोपे ने कहा कि वर्तमान में वैक्सीन भारत के निजी सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड से उपलब्ध हैं और राज्य सरकार अधिक खुराक की खरीद के लिए उनके संपर्क में है.
"जबकि एसआईआई के कोविशिल्ड को 400 रुपये प्रति खुराक पर राज्यों को बेचा जाएगा, बीबीआईएल इसे 600 रुपये प्रति खुराक पर बेचेगा और निजी अस्पतालों के लिए कीमतें और भी अधिक होंगी, हालांकि केंद्र ने सोमवार को अपील की कि दोनों कंपनियों को अपनी दरों को कम करने पर विचार करना चाहिए." टोपे ने कहा कि "राज्य में 18-44 आयु वर्ग में अनुमानित 5.71 करोड़ लोग हैं और अगले कई महीनों में लगभग 12 करोड़ वैक्सीन की जरूरत है."
टोपे ने कहा, "मौजूदा कीमतों पर राज्य को पूरे 18- आयु वर्ग की आबादी को टीका लगाने के लिए लगभग 7,500 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. इस स्थिति में, राज्य सरकार समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को टीका लगाने का खर्च वहन करेगी." ठाकरे ने लोगों से अपील की कि वे पहले टीकाकरण ऐप पर अपना नाम दर्ज करवाएं और टीकाकरण केंद्रों पर भीड़ ना लगाएं.
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