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BJP और NCP में बढ़ी नजदीकी, उद्धव ठाकरे की बढ़ी टेंशन

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के शिवसेना और एनसीपी बीच मतभेद की खबरें हैं. दरअसल, महाविकास अघाड़ी के घटक शिवसेना के मुखिया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भाजपा के प्रति सीपी के रुख से नाराज बताए जा रहे हैं.

Updated on: 31 Mar 2022, 10:40 AM

highlights

  • भाजपा को लेकर नरम पड़ी एनसीपी
  • मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बढ़ी चिंता
  • पवार से की बात कर जताई नाराजगी

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के शिवसेना और एनसीपी बीच मतभेद की खबरें हैं. दरअसल, महाविकास अघाड़ी के घटक शिवसेना के मुखिया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भाजपा के प्रति सीपी के रुख से नाराज बताए जा रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने एनसीपी पर भाजपा के आगे सरेंडर करने का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि शिवसेना नेता ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से फोन पर बात कर अपनी नाराजगी जाहिर की है.  बताया जा रहा है कि इस दौरान उद्धव ने एक-एक कर वह सभी मामले गिनाए, जब एनसीपी को भाजपा के खिलाफ आक्रामक होना चाहिए था, लेकिन एनसीपी सरेंडर की मुद्रा में दिखी. 

उद्धव ने पवार से दर्ज कराई आपत्ति
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के प्रति NCP के नरम रुख को लेकर उद्धव ठाकरे चिंतित बताए जा रहे हैं. बताया जाता है कि उन्होंने इस मामले में शरद पवार से भी बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने पवार से कहा कि भाजपा जांच एजेंसियों के जरिए गठबंधन के नेताओं को निशाना बना रही है. इस दौरान उन्होंने एक-एक कर वह सारे मामले गिनाए कि जब NCP को BJP पर हमलावर होना चाहिए थे, लेकिन वह बैकफुट पर दिखाई दी. 


इन मौकों पर एनसीपी ने उद्धव को किया निराश
मुंबई पुलिस ने भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को फोन टैपिंग मामले में साइबर विंग के बीसी ऑफिस में हाजिर होने को कहा, लेकिन मुंबई पुलिस ने 13 मार्च को अपना फैसला पट  दिया. इसके बाद पुलिस ने फडणवीस के घर पर  जाकर उनका बयान लिया. इसे भी एनसीपी की भाजपा के प्रति नरमी के रूप में देखा गया. दरअसल, गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी एनसीपी नेता के पास है और इसी मंत्रालय के अंतर्गत पुलिस विभाग आता है. ऐसे में माना जा रहा है कि बिना ऊपर के आदेश के पुलिस ये फैसला नहीं ले पाती.

गौरतलब है कि नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद जब शिवसेना, भाजपा और एनसीपी के बीच जुबानी जंग शुरू हुई थी, तब भी उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा था कि यह समय दोनों पक्षों के शांति बनाए रखने का है. ऐसी अनेक घटनाएं हैं, जिनका जिक्र शिवसेना की तरफ से किया गया. इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले वर्ष स्पीकर से हाथापाई के आरोप में 12 भाजपा विधायकों को निलंबित करने के बाद भी अजित पवार ने कहा था कि विधायकों को कुछ घंटों या कुछ दिनों की सजा दी जा सकती है, लेकिन एक साल के लिए सस्पेंड कर देना उचित नहीं है. उद्धव ने बताया कि अभी हाल ही में एनसीपी नेता माजिद मेमन ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की और कहा कि जनता ने नरेंद्र मोदी को जनादेश दिया है. इसके आगे उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री के अंदर कुछ अच्छे गुण जरूर होंगे, जिनके बारे में विपक्ष को पता नहीं है.

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भाजपा के खिलाफ मुखर है उद्धव
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद से मुखर है. वह गाहे बगाहे केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते रहते हैं. इसी कड़ी में उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर आप सत्ता में आने के लिए हमें जेल में डालना चाहते हैं, तो डाल दीजिए. उनका यह बयान तब सामने आया है, जब तीन दिन पहले उनके बहनोई के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई की. इसके साथ ही ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में ₹ 6.45 करोड़ रुपए संपत्ति को फ्रीज कर दिया है. इससे पहले आयकर विभाग ने उनके बेटे आदित्य ठाकरे, एक मंत्री और सहयोगी अनिल परब के करीबी माने जाने वाले लोगों पर छापेमारी की थी. इन सबसे आहत उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर आप सत्ता में आना चाहते हैं, तो आएं. लेकिन सत्ता में आने के लिए ये सब गलत काम न करें. हमारे या किसी और के परिवार को परेशान न करें. हमने आपके परिवार के सदस्यों को कभी परेशान नहीं किया. ऐसा नहीं है कि हम कह रहे हैं कि आपके परिवारों ने कुछ गलत किया है या उनके पास कुछ ऐसा है. जिससे हम आपको परेशान कर सकते हैं. अगर आप सत्ता में आने के लिए हमें जेल में डालना चाहते हैं, तो मुझे जेल में डाल दें.