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होली के बाद हो सकता है उद्धव कैबिनेट का विस्तार, देशमुख से छिन सकता है गृह मंत्रालय

महाराष्ट्र की सियासत में काफी उधल पुथल मची हुई है. पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख सवालों के घेरे में हैं. सूत्रों का कहना है अप्रैल के पहले हफ्ते में उद्धव ठाकरे की कैबिनेट का विस्तार हो सकता है.  

Updated on: 23 Mar 2021, 10:28 AM

highlights

  • अप्रैल के पहले हफ्ते में मंत्रिमंडल का हो सकता है विस्तार
  • अनिल देशमुख से छीना जा सकता है गृहमंत्रालय
  • जयंत पाटिल और अजित पवार का नाम सबसे आगे

मुंबई:

महाराष्ट्र की सियासत में काफी उधल पुथल मची हुई है. पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख सवालों के घेरे में हैं. सूत्रों का कहना है अप्रैल के पहले हफ्ते में उद्धव ठाकरे की कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि अनिल देशमुख को लेकर हुए विवाद के बाद उनसे गृहमंत्रालय वापस लिया जा सकता है. दूसरी तरफ कांग्रेस के कुछ विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. दरअसल परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद उद्धव सरकार और खासकर एनसीपी पर देशमुख को गृहमंत्रालय से हटाने का दबाव बढ़ता जा रहा है.

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गृहमंत्रालय को लेकर हो सकता है फैसला 
महाराष्ट्र में एंटीलिया केस में सचिन वाझे की गिरफ्तारी और पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद से सियासी घमासान जारी है. बीजेपी ने मामला सामने आने के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा मांगा है. इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि अनिल देशमुख से गृहमंत्रालय लेकर किसी अन्य को सौंपा जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक दो नाम रेस में हैं, जयंत पाटिल और डिप्टी सीएम अजित पवार. महाराष्ट्र के सियासी इतिहास की बात करें तो इससे पहले भी जब कांग्रेस और एनसीपी की सरकार के दौरान डिप्टी सीएम के पास ही गृहमंत्रालय रहा है. इसके साथ ही संजय राठौड़ के इस्तीफे के बाद से वन मंत्रालय भी खाली पड़ा है. वहां भी शिवसेना को एक मंत्री देना है. इस सब के बीच कांग्रेस की बात करें तो वहां पार्टी के अंदर ही काफी खींचतान चल रही है. नितिन राउत के ऊर्जा मंत्रालय को लेकर कांग्रेस में कई दावेदार सामने आए हैं. संभव है कि नाना पटोले को कोई मंत्री पद दिया जा सकता है.

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देशमुख पर लगे हैं 100 करोड़ की वसूली के आरोप
मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाझे के जरिए 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाए हैं. परमबीर का आरोप है कि देशमुख और वाजे फरवरी के मध्य में मिले थे. मध्य मतलब 15 फरवरी जब देशमुख डिस्चार्ज हो चुके थे. परमबीर का दावा है कि एक मुलाकात फरवरी के आखिर में भी हुई थी. मतलब जब देशमुख के होम आइसोलेशन की मियाद खत्म होती है. परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद धमाके ने महाराष्ट्र की सियासत को हिला कर रख दिया है.