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मुंबईकरों को प्रॉपर्टी टैक्स में मिलेगी छूट, Vehicle Tax भी माफ

देश में कोरोना के केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है. इस बीच महाराष्ट्र कैबिनेट (Maharashtra cabinet) ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है.

Updated on: 12 Jan 2022, 06:22 PM

नई दिल्ली:

देश में कोरोना के केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है. इस बीच महाराष्ट्र कैबिनेट (Maharashtra cabinet) ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है. कोविड में हुए नुकसान को लेकर उद्धव सरकार ने स्कूल बस पर 100 प्रतिशत रोड टैक्स माफ कर दिया है. इस साल सभी स्कूल बसों को सालाना व्हीकल टैक्स से शत प्रतिशत छूट मिलेगी. साथ ही 10 से कम श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों सहित सभी प्रतिष्ठानों के लिए मराठी साइनबोर्ड अनिवार्य होंगे.  

उत्तर प्रदेश में चल रही राजनीतिक हालात पर महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने बयान देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में आज एक और मंत्री ने अपना इस्तीफा दिया है और जिसने पहले इस्तीफा दिया, उनके नाम पर अटेस्ट वारेंट जारी किया गया है. वहीं, बीजेपी के नेता और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर दिए गए बयान पर कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि चंद्रकांत पाटिल को मुख्यमंत्री मंत्रालय में क्यों आना चाहिए, ये समझ में नहीं आ रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि काम होने से मतलब है, हो सकता है कि चंद्रकांत दादा पाटिल को मुख्यमंत्री के प्रति ज्यादा प्यार होगा. वहीं, मुंबई के 500 स्क्वायर फीट के फ्लैट को लेकर आव्हाड ने ये भी कहा कि शिवसेना ने जो वचन दिया था, उस बारे में आज निर्णय लिया गया है. रही बात ठाणे शहर की तो इस बारे में भी थानेवासियों को जल्द ही राहतभरी खबर मिलेगी.

इसके अलावा नेम प्लेट में दर्ज मराठी भाषा बड़े और बिग फॉन्ट में रहे. इस तरह का निर्णय भी सरकार की ओर से लिया गया है. आपको बता दें कि इस संबंध में साल 2017 में निर्णय लिया गया था, जिसे ठीक तरह से लागू नहीं किया जा रहा था, लेकिन राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में बुधवार को इसे बारे में फाइनली निर्णय लिया गया है. 

मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में सभी दफ्तर, शॉपिंग मॉल , दुकानों पर बड़े अक्षरों में मराठी में नाम लिखना अनिवार्य है. इस साल होने वाले मुंबई बीएमसी चुनाव, अन्य स्थानीय चुनाव को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया गया है. इससे पहले भी मुंबई में मराठी नेम प्लेट को लेकर शिवसेना और राज ठाकरे की मनसे आक्रामक रह चुकी है.