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महाराष्ट्र में दूसरे राज्यों से आने वालों का रिकॉर्ड रखने के निर्देश पर गरमाया परप्रांतीयों का मुद्दा 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने सरकार के एस निर्णय पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि क्या महाराष्ट्र के लोग इस तरह का अपराध नहीं करते हैं.

Updated on: 15 Sep 2021, 08:36 AM

highlights

  • मुंभी में यूपी-बिहार व अन्य राज्यों से आने वालों लोगों का रिकॉर्ड रखने का आदेश
  • मुंबई में एक बार फिर परप्रांतियों का मुद्दा गरमाया
  • मुख्यमंत्री के खिलाफ  धारा 153 (ए) के तहत मामला दर्ज करने की मांग

मुंबई:

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साकीनाका कांड के बाद राज्य में यूपी-बिहार व अन्य राज्यों से आने वालों लोगों का रिकॉर्ड रखने का आदेश देने के बाद मुंबई में एक बार फिर परप्रांतियों का मुद्दा गरमा गया है. राज्य में एक बार फिर परप्रांतियों के मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गयी है. मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस निर्देश की आलोचना की है और पुलिस स्टेशन में मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है.दरअसल, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को बैठक में निर्देश दिया था कि राज्य में आने वाले परप्रांतीयों का रिकॉर्ड रखा जाए. उनके आने-जाने से लेकर रहने और काम करने के स्थान की भी निगरानी रखी जाए. 

मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे भी ये मांगें कर रहे हैं. लेकिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने सरकार के एस निर्णय पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि क्या महाराष्ट्र के लोग इस तरह का अपराध नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि अपराध विशेष को लेकर किसी एक समाज को लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए.

मुंबई भाजपा प्रभारी व विधायक अतुल भातखलकर ने मुख्यमंत्री के खिलाफ कांदिवली पूर्व के समतानगर पुलिस स्टेशन में धारा 153 (ए) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस तरह के निर्देश से सूबे में स्थानीय बनाम परप्रांतीयों के बीच द्वेष बढ़ेगा. कई लोगों को लगेगा कि महाराष्ट्र में परप्रांतीयों के कारण दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही है. इससे परप्रांतीय भयभीत हो गए हैं. 

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मुंबई में सात महीने में 550 महिलाएं हुई दुष्कर्म की शिकार  हुई हैं.  भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि शिवसेना के छह से ज्यादा पदाधिकारियों पर दुष्कर्म का आरोप है. बीते सात महीने में मुंबई में 550 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुई हैं, जिसमें 323 नाबालिग हैं. उद्धव ठाकरे सरकार को यह पता लगाना चाहिए कि इसमें कितने आरोपी परप्रांतीय हैं.

मुंबई के 'निर्भया कांड' के तौर पर चर्चित साकीनाका दुष्कर्म व हत्याकांड से महानगर में महिला सुरक्षा के हालातों की पोल खुल गई थी. इसे घृणित कांड के बाद अब मुंबई पुलिस ने निर्भया पथक गाइडलाइन जारी की है. पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले द्वारा जारी 11 बिंदुओं की गाइडलाइन में महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष बल, नोडल अधिकारी व विशेष वाहन तैनात करने का फैसला किया गया है.